टोक्यो ओलंपिक : भारतीय पुरुषों को चार दशक बाद हॉकी में पदक, तीसरे स्थान के मैच में जर्मनी पर रोमांचक जीत
टोक्यो, 5 अगस्त। आठ बार की पूर्व चैंपियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ओलंपिक पदक के लिए 41 वर्षों का लंबा इंताजर अंततः खत्म हुआ, जब गुरुवार को यहां ओआई स्टेडियम में मनप्रीत सिंह और उनके साथियों ने पिछड़ने के बाद धमाकेदार वापसी करते हुए जर्मनी को 5-4 से हराने के साथ कांस्य पदक पर अधिकार कर लिया।
प्रफुल्लित भारत! प्रेरित भारत! गर्वित भारत!
टोक्यो में हॉकी टीम की शानदार जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा भारत है।
हॉकी टीम को फिर से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। 🏑 #Tokyo2020
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2021
Historic! A day that will be etched in the memory of every Indian.
Congratulations to our Men’s Hockey Team for bringing home the Bronze. With this feat, they have captured the imagination of the entire nation, especially our youth. India is proud of our Hockey team. 🏑
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2021
भारतीय दल के खाते में अब दो रजत सहित पांच पदक
इसके साथ ही मौजूदा टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय दल अब तक दो रजत व तीन कांस्य यानी कुल पांच पदक जीत चुका है। हालांकि खेलों को 14वें दिन महिला कुश्ती में पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं विनेश फोगाट को दूसरे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। विनेश ने प्री क्वॉर्टर फाइनल में शानदार जीत की, लेकिन वह अगले दौर में अपनी लय बरकरार नहीं रख सकीं। पहलवान अंशु मलिक भी रेपचेज राउंड में हार गईं।
आज 05 अगस्त की ऐतिहासिक तिथि को एक इतिहास और बन गया…
'टीम इंडिया', जय हिन्द!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 5, 2021
आज टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर कांस्य पदक जीता है। आज की सफलता ने भारतीय हॉकी के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय को जोड़ा है।
'टीम इंडिया' की इस अविस्मरणीय उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है।
हार्दिक बधाई 'टीम इंडिया'।
जय हिन्द!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 5, 2021
भारत ने 7 मिनट के भीतर 4 गोल ठोककर असाधारण वापसी की
अंतिम बार मॉस्को (1980) में आठवें स्वर्ण के रूप में पदक जीतने वाले भारतीय पुरुषों की नार्थ पिच पर शुरुआत तो अच्छी नहीं रही और वे 25 मिनटों के भीतर 1-3 से पिछड़ गए थे। लेकिन उन्होंने असाधारण वापसी की और सात मिनट के भीतर दनादन चार गोल ठोकते हुए अपनी रोमांचक जीत की पटकथा लिख दी। हालांकि विश्व रैंकिंग में छठे नंबर पर काबिज जर्मनी ने चौथे क्वार्टर में एक गोल उतारा, लेकिन विश्व नंबर तीन भारतीय टीम अडिग रक्षापंक्ति के सहारे अपनी शीर्ष रैंकिंग का मान रखते हुए बचे 12 मिनटों में अपना दुर्ग बचाने में सफल हो गई।
सिमरनजीत के हिस्से आए दो जमीनी गोल
म्यूनिख ओलंपिक (1972) के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम की जीत को अंतिम स्पर्श देने वाले सिमरनजीत सिंह ने 17वें और 34वें मिनट में दो शानदार जमीनी गोल किए। उनके अलावा हार्दिक सिंह (27वां मिनट) व हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) ने जहां शॉर्ट कॉर्नर भुनाए वहीं 3-3 की बराबरी पर समाप्त हुए दूसरे क्वार्टर के तत्काल बाद रूपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत को पहली बार अग्रता दिलाई। हालांकि भारत को मिले छह शॉर्ट कॉर्नर में तीन बार उन्होंने हिट जमाई, लेकिन एक बार भी सफलता नहीं मिली।
गोलकीपर श्रीजेश ने किए नौ बचाव
हालांकि भारतीय जीत में गोलकीपर श्रीजेश की भूमिका सबसे ऊपर माना जा सकती है, जिन्होंने 13 अवसरों में आठ बार दुर्ग की रक्षा की। उन्होंने पांच शॉर्ट कॉर्नर में चार बचाए जबकि गोल पर आठ सीधे हमलों में पांच बार खरे उतरे। तभी तो दल को कांस्य पदक मिलने से वह इतने उत्साहित हुए कि गोल पोस्ट पर ही जा बैठे।
जर्मन टीम 13 शॉर्ट कॉर्नर में सिर्फ एक भुना सकी
दूसरी तरफ मैच के दौरान कुल 13 शॉर्ट कॉर्नर अर्जित करने वाले जर्मनों की ओर से तिमूर ओरुज (दूसरा मिनट), निकलस वेलेन (24वां मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वां मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वां मिनट) ने गोल दागे। लुकास को कुल आठ बार पेनाल्टी कॉर्नर हिट करने का अवसर हाथ लगा, लेकिन वह सिर्फ एक भुना सके।
महिला हॉकी टीम कांस्य पदक के लिए ब्रिटेन से भिड़ेगी
भारतीय हॉकी प्रशंसकों की निगाहें अब अपनी महिला टीम पर रहेंगी, जो शुक्रवार को भारतीय समयानुसार सुबह सात बजे रियो ओलंपिक के चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन से कांस्य पदक के मुकाबले में भिड़ेगी। पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचे भारत को अर्जेंटीना ने बुधवार को 2-1 से मात दी थी।