टोक्यो, 7 अगस्त। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय दल को प्रफुल्लित होने का अवसर प्रदान कर दिया, जब शनिवार को वह 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। मौजूदा ओलंपिक खेलों में भारत का यह चौथा कांस्य और कुल छठा पदक है।
माकुहारी मेसे हाल में शुक्रवार को शुरुआती दो मुकाबले जीत सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाले बजरंग शाम को तीन बार के विश्व चैंपियन मल्ल हाजी एलियेव को टक्कर नहीं दे सके थे। लेकिन सोनीपत के इस 27 वर्षीय मल्ल के पास आज रेपचेज राउंड के जरिए कांस्य जीतने का मौका था और भारतीय रणबांकुरे ने इस अवसर को जाया नहीं होने दिया।
बजरंग ने नियाजबेकोव को 8-0 से शिकस्त दी
मैट बी पर लड़ी गई कांस्य पदक की इस कुश्ती में बजरंग ने कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव 8-0 के एकतरफा अंतर से शिकस्त दी। पहले पीरियड में बजरंग ने 2-0 की लीड ली थी। इसके चलते दूसरे पीरियड में दौलत पर दबाव था। बजरंग ने इस दबाव का लाभ उठाया और शुरुआत में ही आक्रमण किए।
कुश्ती में भारतीय दल के नाम दूसरा पदक
बजरंग ने दो-दो बार दो-दो अंक बटोरकर लीड 6-0 कर ली। 50 सेकेंड का मुकाबला बाकी था और बजरंग के कोच बार-बार उन्हें हल्का नहीं पड़ने के लिए जोश दिला रहे थे। अंततः बजरंग ने दो अंक फिर बटोरकर विपक्षी मल्ल को मायूस कर दिया और कुश्ती मुकाबलों में भारत के हिस्से दूसरा पद आ गया। इसके पूर्व रवि दहिया रजत पदक दिला चुके हैं।
ओलंपिक में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी पर पहुंचा भारत
पूनिया की इस सफलता के साथ ही भारत ने छह पदकों (दो रजत व चार कांस्य) के सहारे ओलंपिक में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी कर ली है। भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में भी छह मेडल अपने नाम किए थे। टोक्यो में अब तक मीराबाई चानू (भारोत्तोलन, रजत पदक), रवि दहिया (कुश्ती, रजत पदक), पी.वी. सिंधु (कांस्य पदक), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी, कांस्य पदक) व बजरंग ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पदक जीते हैं। इसके अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम भी कांस्य पदक जीतने में सफल रही।
भाला प्रक्षेपक नीरज चोपड़ा से भी पदक की आस
इस बीच एथलेटिक्स मुकाबलों में भाला प्रक्षेपक नीरज चोपड़ा से भी पदक की आस बनी हुई है, जिन्होंने हीट में सर्वोच्च स्थान पर रहते हुए 12 प्रक्षेपकों के साथ फाइनल में जगह सुरक्षित की है।