पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की निर्वाचन आयोग को चेतावनी
कोलकाता, 28 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की 11 अन्य राज्यों के साथ पश्चिम बंगाल में भी मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू कराने की घोषणा पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग को चेतावनी दी है।
किसी वैध वोटर का नाम कटा तो 1 लाख लोग दिल्ली में EC दफ्तर घेरेंगे
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘यदि पश्चिम बंगाल के एक भी वैध वोटर का नाम काटा गया तो राज्य के एक लाख लोग दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर का घेराव करेंगे।’ उन्होंने दोहराया कि एसआईआर मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर करने और उन्हें उनके मताधिकार से वंचित करने का एक तरीका है।
बनर्जी ने SIR पर उठाए सवाल
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने छठ महापर्व के बीच पश्चिम बंगाल में एसआईआर की घोषणा की है। एसआईआर वास्तव में पुनरीक्षण नहीं बल्कि मतदाताओं को सूची से बाहर करने और उन्हें उनके मताधिकार से वंचित करने का एक तरीका है। पहले लोग सरकार तय करने के लिए वोट करते थे, लेकिन अब सरकार तय कर रही है कि किसे वोट देना चाहिए। जब 2002 में एसआईआर हुआ था तो इसमें दो साल लगे थे और अब वे इसे दो महीने में कर देंगे।
In a blistering press conference, Shri @abhishekaitc tore through the BJP–ECI nexus with surgical precision.
He exposed how the SIR process is being selectively weaponised to disenfranchise legitimate voters and manufacture an electoral advantage for the BJP.
This is nothing… pic.twitter.com/1N5qCUkzd9
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) October 28, 2025
बांग्लादेश की सीमा से सटे 5 राज्य, लेकिन SIR सिर्फ बंगाल में
बनर्जी ने सवाल किया कि अगले वर्ष पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। ये राज्य पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी हैं। लेकिन उन्होंने असम में एसआईआर को बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ – चुनाव आयोग किसके निर्देश पर काम कर रहा है? पांच भारतीय राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं। पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम। एसआईआर केवल बंगाल में हो रहा है। एसआईआर उन चार अन्य राज्यों में क्यों नहीं लागू किया जाता, जिनकी सीमा बांग्लादेश से लगती है।
उन्होंने कहा कि म्यांमार की सीमा पश्चिम बंगाल से नहीं लगती। यदि रोहिंग्या घुसते हैं तो वे केवल मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से ही प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन एसआईआर इन चार राज्यों में नहीं हो रहा है। फिर चुनाव आयोग का मकसद क्या है?
‘बंगाल का अपमान करना चुनाव आयोग का उद्देश्य’
बनर्जी ने कहा, ‘चुनाव आयोग का उद्देश्य बंगाल का अपमान करना और बंगालियों को बांग्लादेशी कहना, भाषा का अपमान करना और 2021 में बुरी तरह हारने के बाद मतदाताओं के अधिकार छीनना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।’
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष भी विरोध प्रदर्शन की बात कह चुके हैं
इससे पहले टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष भी विरोध प्रदर्शन और निर्वाचन आयोग के दफ्तर के घेराव की बात कह चुके हैं। एक दिन पहले उन्होंने कहा था, ‘हम एक पारदर्शी वोटर लिस्ट के पक्ष में हैं। लेकिन, यदि किसी वैध मतदाता या नागरिक का नाम काटने की कोशिश की गई तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन होगा और दिल्ली में निर्वाचन आयोग का घेराव होगा।’
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का एलान किया है। एसआईआर के एलान के वक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में किसी भी तरह का गतिरोध नहीं है।
