अमेरिका में शटडाउन का खतरा टला, राष्ट्रपति बाइडन ने किए अस्थायी अनुदान विधेयक पर हस्ताक्षर
वॉशिंगटन, 1 अक्टूबर। अमेरिका में संघीय सरकार के कामकाज के ठप होने (शटडाउन) का खतरा शनिवार देर रात उस समय टल गया, जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सरकारी एजेंसियों के संचालन को बरकरार रखने के लिए एक अस्थाई अनुदान योजना से संबंधित विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए।
संसद में आनन-फानन में पारित किए गए इस विधेयक में यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद में कटौती करने और बाइडेन के अनुरोध पर संघीय आपदा सहायता बजट बढ़ाकर 16 अरब अमेरिकी डॉलर करने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक आगामी 17 नवम्बर तक सरकारी कामकाज के लिए वित्त मुहैया कराएगा। रूस से जारी युद्ध में यूक्रेन को सैन्य मदद उपलब्ध कराना व्हाइट हाउस की प्राथमिकता रहा है, जिसका कई रिपब्लिकन सांसद विरोध करते रहे हैं।
प्रतिनिधि सभा में कई दिनों से जारी गतिरोध के बीच सदन के स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने खर्च में भारी कटौती की मांग शनिवार रात छोड़ दी और डेमोक्रेट सांसदों के सहयोग से पारित विधेयक को सीनेट की मंजूरी के लिए भेजा। बाद में सीनेट ने भी विधेयक को हरी झंडी दिखाते हुए इसे कानून का रूप देने के वास्ते राष्ट्रपति बाइडेन के दस्तखत के लिए भेज दिया।
बाइडेन ने एक बयान में कहा, “यह अमेरिका के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका किसी भी परिस्थिति में यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन को बाधित करने की अनुमति नहीं दे सकता। बाइडेन ने उम्मीद जताई कि मैक्कार्थी ‘‘यूक्रेन के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेंगे और इस महत्वपूर्ण क्षण में यूक्रेन की मदद के लिए आवश्यक सहायता का समर्थन करेंगे।’’
अमेरिका में सरकार को अनुदान देने की समयसीमा शनिवार मध्यरात्रि को समाप्त होनी थी। प्रतिनिधि सभा में मतदान से पहले मैक्कार्थी ने कहा, “हम अपना काम करने जा रहे हैं। हम अपनी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। हम सरकार के कामकाज को जारी रखेंगे।”
विधेयक के पारित होने से अमेरिकी सरकार का कामकाज ठप होने का खतरा फिलहाल तो टल गया है, लेकिन यह राहत अस्थाई मानी जा रही है। सांसदों के बीच गहराते गतिरोध के बीच कांग्रेस को आने वाले महीनों में सरकार को फिर से वित्त मुहैया कराने की जरूरत पड़ेगी। इस विधेयक को प्रतिनिधि सभा ने 91 के मुकाबले 335 मतों से पारित कर दिया। वहीं, सीनेट में यह नौ के मुकाबले 88 मतों से पारित हुआ।