1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. काशी-तमिल संगमम का तीसरा संस्करण आज से, महाकुम्भ का भी दौरा करेंगे अतिथि
काशी-तमिल संगमम का तीसरा संस्करण आज से, महाकुम्भ का भी दौरा करेंगे अतिथि

काशी-तमिल संगमम का तीसरा संस्करण आज से, महाकुम्भ का भी दौरा करेंगे अतिथि

0
Social Share

वाराणसी/प्रयागराज, 14 फरवरी। प्राचीन भारत में शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करने के क्रम में काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण रविवार से प्रारंभ हो रहा है। 24 फरवरी तक आयोजित इस समागम का उद्देश्य एकता में विविधता को मजबूत करना है, विशेष रूप से काशी और तमिलनाडु के बीच संबंध को सुदृढ़ करना है।

यह समागम “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा। साथ ही यह प्रयागराज महाकुम्भ में उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों का भी साक्षी बनेगा। इस कड़ी में 16 फरवरी से 24 फरवरी के बीच दक्षिण भारत से आए अतिथि प्रयागराज महाकुम्भ भी जाएंगे।

इस बार क्या होगा खास

इस वर्ष काशी-तमिल संगमम दो महत्वपूर्ण आयोजनों के साथ हो रहा है, जो इसे और विशिष्ट बनाने जा रहा है। इसमें संगम, प्रयागराज में महाकुम्भ का उत्सव और अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का उद्घाटन शामिल है। वैसे तो काशी तमिल संगमम (3.0) का मुख्य कार्यक्रम वाराणसी में मनाया जाएगा, लेकिन इन प्रतिनिधियों को संगम, प्रयागराज में पवित्र स्नान और अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए ले जाया जाएगा।

डीएम प्रयागराज रवींद्र कुमार मांदड़ का कहना है कि प्रयागराज में इसके आयोजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसका आयोजन 15 से 24 फरवरी तक होगा। प्रयागराज महाकुम्भ भी इसका साक्षी बनने जा रहा है। काशी-तमिल संगमम के अतिथियों का महाकुम्भ में 16 फरवरी को सेक्टर-22 के दिव्य महाकुंभ रिट्रीट टेंट सिटी में आगमन होगा। यहीं पर उनका स्वागत और अभिनंदन होगा।

महाकुंभ नगर के सेक्टर-21 में अहिल्याबाई होलकर मंच में शाम को सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। अगले दिन 17 फरवरी को प्रतिनिधि संगम में स्नान करने के बाद लेटे हनुमान जी का शंकर विमान मंडपम में दर्शन करेंगे। यहां से डिजिटल कुम्भ प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद अयोध्या धाम के लिए शाम को प्रस्थान कर जाएंगे। इस तरह हर एक ग्रुप का महाकुम्भ में दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम होगा।

युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा

इस बार के काशी-तमिल संगमम में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। पिछले दो संस्करणों में इसमें 4,000 लोग शामिल हो चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि इस वर्ष काशी तमिल संगमम में 1,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसके लिए पांच श्रेणियां बनाई गई हैं। छात्र, शिक्षक, किसान और कारीगर, पेशेवर और छोटे उद्यमी, महिलाएं और शोधकर्ता इसमें भाग लेंगे।

इसके अलावा, सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से 200 तमिल छात्रों का एक बैच वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में स्थानीय यात्राओं में भी भाग लेगा। वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में स्थानीय कार्यक्रम होंगे, जिसमें दोनों केंद्रों के विशिष्ट ज्ञान को शामिल किया जाएगा। इसमें महाकुम्भ को प्राथमिकता में रखा जाएगा।

काशी-तमिल संगमम के तीसरे संस्करण की थीम

काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण भारतीय चिकित्सा की सिद्ध प्रणाली के संस्थापक और तमिल भाषा के प्रथम व्याकरणविद ऋषि अगस्त्यर के योगदान की थीम पर आधारित है। ऋषि अगस्त्यर चोल, पांड्य आदि जैसे अधिकतर तमिल राजाओं के कुलगुरु थे। इस वर्ष के आयोजन का मुख्य विषय सिद्ध चिकित्सा पद्धति (भारतीय चिकित्सा), शास्त्रीय तमिल साहित्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में ऋषि अगस्त्यर के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code