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वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल बजट सत्र तक बढ़ेगा, संसद में आज लाया जाएगा प्रस्ताव

वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल बजट सत्र तक बढ़ेगा, संसद में आज लाया जाएगा प्रस्ताव

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नई दिल्ली, 27 नवम्बर। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। समिति की बुधवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया। दिलचस्प यह है कि समिति को इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देनी थी। फिलहाल जेपीसी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल का कहना है कि समिति के सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि जेपीसी का कार्यकाल बजट सत्र तक बढ़ाया जाना चाहिए।

विपक्ष बढ़वाना चाहता था समिति का कार्यकाल

इससे पहले जगदंबिका पाल ने कहा था कि समिति की रिपोर्ट लगभग तैयार है और इसे समय से सदन को भेजा जाएगा। हालांकि विपक्ष को इस पर आपत्ति थी। विपक्ष समिति का कार्यकाल बढ़वाना चाहता था। इस संबंध में विपक्षी नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की थी।

कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हंगामा

दरअसल, जेपीसी की आज हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने इसका कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर चले गए। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों से ही चर्चा में लगाया गया और जिन राज्यों में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है, उन्हें नहीं बुलाया गया। इसके बाद पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में जेपीसी की बैठक हुई। बैठक के बाद बाहर आए सांसदों ने इस बात की पुष्टि की कि समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर सहमति बन गई है।

इससे पहले समिति के विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया और संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल की आलोचना की, जिन्होंने कहा था कि समिति की मसौदा रिपोर्ट तैयार है। जगदम्बिका पाल और समिति के भाजपा सदस्यों ने उनसे संपर्क किया, जिसके बाद माहौल शांत हुआ। उन्होंने समिति की रिपोर्ट लोकसभा को सौंपने की 29 नवम्बर की समयसीमा बढ़ाने के लिए दबाव बनाने की इच्छा जताई।

 

लोकसभा ने अपनी कार्यसूची में प्रस्ताव सूचीबद्ध किया

समिति का गठन करने वाली लोकसभा ने बाद में गुरुवार के लिए अपनी कार्यसूची में ‘बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन तक’ रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय बढ़ाने का प्रस्ताव सूचीबद्ध किया। 21 नवम्बर को समिति की पिछली बैठक के बाद जगदम्बिका पाल ने कहा था कि इसकी मसौदा रिपोर्ट तैयार है। उन्होंने संकेत दिया था कि हितधारकों के साथ समिति का परामर्श खत्म हो गया है और इसके सदस्य अब रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे और इसे अपनाए जाने से पहले यदि कोई बदलाव हो तो उसका सुझाव देंगे।

ये है पूरा मामला

लोकसभा में आठ अगस्त को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया था। इसके साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया गया था। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट यानी ‘उम्मीद’। इस विधेयक का विपक्ष ने पुरजोप विरोध किया था। उसके बाद नौ अगस्त को इसे आगे की चर्चा के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था।

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