रांची, 31 जनवरी। झारखंड में बड़ी सियासी हलचल के बीच बुधवार को ईडी ने एक कथित जमीन धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में लंबी पूछताछ के बाद जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया वहीं राज्य के नए सीएम को लेकर शिबू सोरेन परिवार में उभरे अंतर्कलह के बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के एक अन्य कद्दावर नेता चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया और वही झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे।
कौन हैं चंपई सोरेन?
मौजूदा समय राज्य सरकार में परिवहन मंत्री का पद संभाल रहे 67 वर्षीय चंपई सोरेन दरअसल, हेमंत सोरेन के करीबी माने जाते हैं। सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले चंपई सोरेन के पिता सिमल सोरेन खेती किसानी किया करते थे। सिमल सोरेन के चार बच्चों में चंपई सबसे बड़े बेटे हैं। उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। चंपई का विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया। उन्हें चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
शिबू सोरेन के साथ आंदोलन में उतरे चंपई को मिली ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से पहचान
गौरतलब है कि जब बिहार से झारखंड राज्य बनाने की मांग उठने लगी। तब पूर्व सीएम शिबू सोरेन के साथ ही चंपई सोरेन भी आंदोलन में उतरे थे। जल्द ही उन्हे ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से पहचान भी मिली। चंपई सोरेन ने अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर की। विधायक बनाने के बाद फिर वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे।
हेमंत सोरेन सरकार में दोबारा मंत्री बने चंपई सोरेन भाजपा नेता अर्जुन मुंडा की सरकार में भी मंत्री बने थे। तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया था। चंपई 11 सितम्बर, 2010 से 18 जनवरी, 2013 तक मंत्री रहे। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। इसके बाद वह हेमंत सोरेन की अगुआई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व परिवहन मंत्री बने थे।
वहीं, जब दूसरी बार झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी सत्ता मे आई, तब चंपई को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया। वह झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं।