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विपक्ष के आरोपों पर सरकार का जवाब – ‘मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमारा कोई रोल नहीं था’

विपक्ष के आरोपों पर सरकार का जवाब – ‘मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमारा कोई रोल नहीं था’

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर विपक्ष के नेताओं, खासकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। जवाब में सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश नहीं दिया गया

सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय का कल दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री की प्रेस वार्ता में कोई रोल नहीं था।’ मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई महिला पत्रकार मौजूद नहीं थी, जिससे महिलाओं के साथ तालिबान के भेदभाव की भारी आलोचना हुई। तस्वीरों में देखा गया कि यह सिर्फ पुरुष पत्रकारों के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित थी।

प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल

इसके पूर्व दिन में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए एक्स पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया यह स्पष्ट करें कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर क्यों रखा गया। अगर महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देना सिर्फ एक चुनावी दिखावा नहीं है, तो हमारे देश में महिलाओं के साथ इस अपमान को कैसे अनुमति दी गई?’

राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर किया हमला

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी प्रियंका की एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “मोदी जी, जब आप किसी सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर करने की अनुमति देते हैं तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसी भेदभावपूर्ण स्थिति में आपकी चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।”

पुरुष साथियों को वॉकआउट कर देना चाहिए था : पी. चिदंबरम

दरअसल, यह प्रेस वार्ता मुत्तकी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच हुई बैठक के बाद हुई, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की गई थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी अपनी नाराजगी जताई और कहा, ‘मुझे यह जानकर झटका लगा कि अफगानिस्तान के आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया। मेरी व्यक्तिगत राय में, पुरुष पत्रकारों को वहां से वॉकआउट कर देना चाहिए था, जब उन्होंने देखा कि उनकी महिला सहयोगियों को बुलाया ही नहीं गया।’

महिलाओं पर प्रतिबंधों के लिए कुख्यात तालिबान

महिला पत्रकारों के साथ इस तरह के भेदभाव से पत्रकार और सोशल मीडिया यूजर्स भी गुस्से में हैं। लोगों ने इसे महिला विरोधी रवैया और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान बताया। फिलहाल वर्तमान में अफगानिस्तान में सत्ताधारी तालिबान अपने देश में महिलाओं के अधिकारों को लगातार दबाने के लिए कुख्यात हैं। अफगान महिलाओं पर तालिबान ने कई प्रतिबंध लगाए हैं। उन्हें शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जगहों पर कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।

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