सरकार ने संसद में दी अहम जानकारी – 8वें वेतन आयोग को 18 माह के अंदर जमा करनी हैं अपनी सिफारिशें
नई दिल्ली, 9 दिसम्बर। केंद्र सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए गठित आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के बारे में जानकारी दी है, जिसमें इसके लागू होने का स्कोप और टाइमलाइन भी शामिल है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में कुछ सांसदों के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
सेंट्रल पे कमीशन का औपचारिक रूप से गठन हो चुका है
पंकज चौधरी ने बताया कि वेतन आयोग का औपचारिक रूप से गठन हो चुका है और इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तीन नवम्बर, 2025 को वित्त मंत्रालय के एक प्रस्ताव के जरिए अधिसूचित किए गए थे। उन्होंने लिखित जवाब में यह भी बताया कि आठवें सीपीसी में सरकारी कर्मचारियों और रिटायर लोगों की एक बड़ी आबादी को कवर किया जाएगा। 50.14 लाख से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 69 लाख पेंशनर्स कमीशन के दायरे में आएंगे।
आठवें वेतन आयोग की सैलरी कब लागू होगी?
नई सैलरी और फायदे कब लागू होंगे, इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि 8वें सीपीसी को लागू करने की तारीख सरकार तय करेगी। हालांकि, कमीशन को अपने गठन की तारीख से 18 माह के अंदर अपनी सिफारिशें जमा करनी हैं। इसका मतलब है 2027 के बीच तक। सरकार ने यह भी भरोसा दिलाया कि एक्सेप्ट की गई सिफारिशों को फाइनल होने के बाद उन्हें लागू करने के लिए सही फंड का इंतजाम किया जाएगा।
सिफारिशों का असर एक जनवरी, 2026 से होने की उम्मीद
पिछले पे कमीशन के बनाए ट्रेंड के हिसाब से, 8वें सीपीसी की सिफारिशों का असर आम तौर पर एक जनवरी, 2026 से होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि जो भी बदलाव होगा, भले ही जनवरी 2026 के बाद हो, बदला हुआ वेतन जनवरी, 2026 से ही कैलकुलेट किया जाएगा, इसलिए जब यह लागू होगा तो जरूरी एरियर का पेमेंट किया जाएगा।
हालांकि पहले सरकार ने ड्यू डेट और असल रोलआउट के बीच कई महीने या साल भी लगाए हैं। उदाहरण के लिए, 7वें सीपीसी की सिफारिशें ड्यू डेट के छह महीने के अंदर लागू कर दी गईं, जबकि दूसरों में ज्यादा समय लगा।
8वें सीपीसी में कौन-कौन शामिल होंगे?
संसद में मंत्री के जवाब में 8वें सीपीसी के लिए नोटिफाइड टर्म्स ऑफ रेफरेंस में बताए गए मैंडेट के बारे में डिटेल में बताया गया। इनमें केंद्र सरकार के कर्मचारी (इंडस्ट्रियल और नॉन-इंडस्ट्रियल दोनों), ऑल-इंडिया सर्विसेज और डिफेंस फोर्सेज के कर्मचारी, केंद्रशासित प्रदेशों के कर्मचारी और ऐसे ही दूसरे लोग शामिल हैं।
सैलरी में 20-25 फीसदी तक बढ़ोतरी की संभावना
मौजूदा प्रस्ताव और ट्रेंड के आधार पर 8वें सीपीसी से सैलरी स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव होने की उम्मीद है। यह बढ़ोतरी 20–25 प्रतिशत तक हो सकती है। पहले के प्रस्ताव में न्यूनतम मूल वेतन में बड़ी बढ़ोतरी का सुझाव दिया गया था, जो शायद 34,500– 41,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकता है। जब नया पे कमीशन लागू होता है तो मौजूदा महंगाई भत्ता (DA) आमतौर पर जीरो पर रीसेट हो जाता है। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि अभी मौजूदा DA को बेसिक पे के साथ परमानेंटली मर्ज करने का कोई प्रपोजल विचाराधीन नहीं है। ज्यादा मूल वेतन का मतलब आमतौर पर ज्यादा संबंधित लाभ होते हैं।
