पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच गतिरोध कायम, तीसरे दौर की बैठक में भी नहीं निकला कोई हल
काबुल/इस्लामाबाद, 9 नवम्बर। तालिबान शासित अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच अब भी गतिरोध कायम है क्योंकि दोनों देशों के बीच तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तान्बुल में हुई तीसरे दौर की दो दिवसीय वार्ता का भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। एक तरफ इस्तान्बुल में तीसरे दौर की वार्ता चल रही थी तो वहीं दूसरी ओर सीमा पर दोनों पक्षों में गोलीबारी जारी थी।
इस बीच अफगान सरकार ने जानकारी दी है कि दो दिवसीय बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार काबुल में अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच इस्तांबुल, तुर्की में दो दिवसीय शांति वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला।
अफगानिस्तान का आरोप – पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का रवैया गैर-जिम्मेदाराना
वहीं अफगानी न्यूज एजेंसी ने इस बैठक को लेकर अफगानी प्रवक्ता मुजाहिद के हवाले से कहा, ‘पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के गैर-जिम्मेदाराना रवैये और सहयोग की कमी के कारण, बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई।’
अफगान पक्ष लिखित समझौते पर हस्ताक्षर को तैयार नहीं – पाकिस्तान
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस्लामाबाद में स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता समाप्त हो गई है और अनिश्चितकालीन चरण में प्रवेश कर गई है। फिलहाल, बातचीत पूरी हो गई है।’
दोनों देशों के बीच फिलहाल युद्ध विराम लागू है – ख्वाजा आसिफ
उन्होंने कहा कि अफगान पक्ष लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं है। अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि वे मौखिक समझौते का सम्मान करेंगे, लेकिन ऐसा करने की कोई गुंजाइश नहीं है। हालांकि, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यह भी कहा है कि दोनों देशों के बीच फिलहाल युद्ध विराम लागू है।
सीमा पर गोलीबारी में 5 लोगों की मौत, कई अन्य घायल हो गए
दूसरी तरफ, जमीनी स्तर पर तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं। हाल ही में सीमा पर हुई गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। इस्तान्बुल में हुई इस वार्ता में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक वरिष्ठ सैन्य, खुफिया और विदेश कार्यालय के अधिकारियों की मौजूदगी में कर रहे थे।
दूसरी ओर, अफगान तालिबान पक्ष का नेतृत्व जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) के प्रमुख अब्दुल हक वासेक ने किया। अफगान प्रतिनिधिमंडल में सुहैल शाहीन, अनस हक्कानी और उप आंतरिक मंत्री रहमतुल्लाह नजीब समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
