बलिदान दिवस : मातृभूमि की बलिवेदी पर लाला जयदयाल और लाला हरदयाल ने अपने शीश अर्पित कर दिए
1857 में जहां एक ओर स्वतंत्रता के दीवाने सिर हाथ पर लिए घूम रहे थे, वहीं कुछ लोग अंग्रेजों की चमचागीरी और भारत माता से गद्दारी को ही अपना धर्म मानते थे। कोटा (राजस्थान) के शासक महाराव अंग्रेजों के समर्थक थे। पूरे देश में क्रांति की चिनगारियां 10 मई के बाद फैल गई थीं, लेकिन […]