टी20 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान फिंच बोले – ऑस्ट्रेलिया की सफलता में टॉस की बड़ी भूमिका
दुबई, 15 नवंबर। पहले बल्लेबाजी करते हुए एक भी गेम जीते बिना टी20 विश्व कप की ट्रॉफी उठाने वाली लगातार दूसरी टीम (वेस्टइंडीज,2016) बनने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच ने बेझिझक स्वीकार किया कि कंगारुओं की सफलता में टॉस की बड़ी भूमिका रही, हालांकि उनके खिलाड़ियों की आक्रामकता का भी इसमें अहम रोल रहा।
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गौरतलब है कि फिंच की टीम ने इस टर्नामेंट के दौरान सुपर12 लीग चरण के पांच सहित कुल सात मैच खेले और इनमें सेमीफाइनल व फाइनल सहित छह मुकाबले लक्ष्य का पीछा करते हुए जीते। सिर्फ एक लीग मैच में इंग्लैंड के खिलाफ टॉस गंवाने के बाद उसे पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी थी, जिसमें 125 के मामूली स्कोर पर सिमटने के बाद उसे पराजय झेलनी पड़ी थी।
दुबई के सभी दिवा-रात्रि मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वालीं टीमों की जीत हुई
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस विश्व कप के दौरान दुबई में जितने भी मैच दूधिया रोशनी (दिवा-रात्रि) में खेले गए, उनमें लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों की ही जीत हुई। इस क्रम में ऑस्ट्रेलिया ने पहले पाकिस्तान को मात दी और फिर रविवार की रात फाइनल में न्यूजीलैंड की मात दी, जिसमें उसने टी20 विश्व कप के फाइनल के सर्वोच्च स्कोर (172) का सफलता पूर्वक पीछा किया।
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रात में ओस के चलते धीमी गेंदें विकेट पर टिक नहीं पा रही थीं
ऑस्ट्रेलिया के पिछले 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में सिक्के की उछाल अपने नाम करने वाले फिंच ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो सिक्के ने एक बड़ी भूमिका निभाई। मैंने इस तथ्य को भरसक भुलाने की कोशिश की क्योंकि मैंने सोचा कि टॉस हारने पर कभी भी पहले बल्लेबाजी करनी पड़ सकती है। लेकिन इसने एक बड़ी भूमिका निभाई। आपने वहां मैदान पर अंत में ओस का असर देखा, जब धीमी गेंदें विकेट पर उतनी टिक नहीं पा रही थीं। मुझे नहीं पता कि मैंने यह कैसे किया…शायद यह सिर्फ भाग्य था।’
फाइनल में दूसरी पारी के दौरान घनी ओस गिरने लगी थी
कंगारू कप्तान ने कहा, ‘जिस तरह से हमने पावरप्ले में नई गेंद के साथ गेंदबाजी की थी, वह वास्तव में महत्वपूर्ण था। पहले 10 ओवरों में न्यूजीलैंड 57 रनों तक सीमित था। हालांकि उनका एक ही विकेट गिरा था, लेकिन हम जानते थे कि उनकी राह कठिन होने वाली है क्योंकि क्योंकि ओस काफी घने तरीके से गिरने लगी थी, जो हमने अब तक टूर्नामेंट में बिल्कुल भी नहीं देखा था।’
‘टॉस जीतने के अलावा हमने आक्रामक क्रिकेट भी खेली’
उन्होंने कहा, ‘ मुझे गलत मत समझें,लेकिन टी20 क्रिकेट में आपको थोड़ी किस्मत की भी जरूरत होती है। हमने सात में से छह टॉस जीते, जो एक लंबा रास्ता तय करता है। लेकिन हमने वास्तव में कुछ अच्छा क्रिकेट भी खेली। हमने आक्रामक क्रिकेट खेलकर विपक्षी टीमों को बैकफुट पर रखा।’
‘प्लेयर ऑफ द दूर्नामेंट’ वार्नर सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में एक
फिंच ने ‘प्लेयर ऑफ द दूर्नामेंट’ डेविड वार्नर की खुलकर तारीफ की, जिन्होंने लगातार तीसरे मैच में दल की जीत में अहम अंशदान किया। उन्होंने फाइनल में 38 गेंदों पर 53 रनों की पारी खेली। इसके पूर्व पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में 30 गेंदों पर 49 रन बनाए और लीग चरण के अंतिम मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 56 गेंदों पर नाबाद 89 रन बनाकर लौटे थे।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, “मैंने कुछ महीने पहले जस्टिन लैंगर को फोन किया था और मैंने कहा था कि डेवी के बारे में चिंता मत करो, वह मैन ऑफ द टूर्नामेंट होगा। मुझे लगा कि एडम जाम्पा को ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ होना चाहिए था। लेकिन वार्नर एक महान खिलाड़ी है, वह सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक है और वह संघर्षशील है।’’
फिंच ने कहा कि वार्नर की बल्लेबाजी ऑस्ट्रेलिया के आक्रामक दर्शन की प्रतीक थी। हालांकि उनका यह भी मानना था कि वार्नर का ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ पुरस्कार सुपर12 चरण की शुरुआत के बाद से ज्यादा विकेट लेने वाले एडम जाम्पा को जाना चाहिए था।