यूपी चुनाव : स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और भाजपा छोड़ने वाले छह विधायक सपा में शामिल
लखनऊ, 14 जनवरी। बीते चार दिनों के अंदर भारतीय जनता पार्टी छोड़ने वाले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य गुरुवार को अपराह्न एक अन्य पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और छह विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इन सभी नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाने की औपचारिकता पूरी की।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 14, 2022
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं और यूपी में सबसे ज्यादा झटका सत्तारूढ़ भाजपा को लगा है, जहां तीन कैबिनेट मंत्रियों के अलावा लगभग एक दर्जन विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी छोड़ने वाले एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौहान 20 जनवरी को सपा में शामिल होंगे।
सपा में शामिल होने वाले विधायक
स्वामी प्रसाद और पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह के अलावा सपा में शामिल होने वाले छह विधायकों में भगवती सागर (बिल्हौर, कानपुर), विनय शाक्य (एमएलसी बिधुना अरायये और पूर्व मंत्री), रोशन लाल वर्मा (शाहजहांपुर), डॉ. मुकेश वर्मा (सिकोहाबाद, फिरोजाबाद), बृजेश कुमार प्रजापति (बांदा) और चौधरी अमर सिंह (अपना दल, सिद्धार्थनगर) शामिल हैं।
कई पूर्व मंत्री और विधायक भी सपा की साइकिल पर सवार
उनके अलावा अली यूसुफ (पूर्व विधायक, रामपुर), राम भारती (पूर्व मंत्री, सीतापुर), नीरज मौर्य (पूर्व विधायक, शाहजहांपुर), बलराम सैनी (पूर्व विधायक, मुरादाबाद), राजेंद्र प्रसाद सिंह पटेल (पूर्व विधायक, मिर्जापुर), विद्रोही धनपत मौर्य (पूर्व राज्य मंत्री), ध्रुवराम चौधरी (पूर्व मंत्री) व अयोध्या प्रसाद पाल (पूर्व मंत्री) सहित कई अन्य नेताओं ने सपा की सदस्यता ग्रहण की।
बिना अनुमति आयोजन पर जिला प्रशासन सख्त, काररवाई की तैयारी
इस बीच सरकारी अनुमति के बिना आयोजित कार्यक्रम पर जिला प्रशासन ने सख्ती बरती है। लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का कहना था कि समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम बिना अनुमति हुआ। सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को सपा दफ़्तर भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर जरूरी काररवाई की जाएगी। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य नेताओं ने जब सपा का दामन थामा, तब वहां काफी भीड़ थी जबकि 15 जनवरी तक रैलियों और सभाओं पर रोक है।