1. Home
  2. राज्य
  3. उत्तरप्रदेश
  4. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखी, हाई कोर्ट का फैसला खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखी, हाई कोर्ट का फैसला खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखी, हाई कोर्ट का फैसला खारिज

0
Social Share

नई दिल्ली, 5 नवम्बर। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी जो राज्य के मदरसों के लिए एक बड़ी राहत है। उच्च न्यायालय ने इस आधार पर इस कानून को खारिज कर दिया था कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह मानकर गलती की कि यह कानून मूल ढांचे यानी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है। प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘ हम उत्तर प्रदेश मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखते हैं और दूसरी बात यह कि यदि राज्य के पास विधायी शक्ति नहीं है, केवल तभी किसी कानून को खारिज किया जा सकता है।’’

उच्चतम न्यायालय का यह आदेश उत्तर प्रदेश के मदरसों के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है क्योंकि उच्च न्यायालय ने इन मदरसों को बंद करने तथा उसके विद्यार्थियों को राज्य के अन्य विद्यालयों में दाखिला देने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस कानून की विधायी योजना मदरसों में दी जा रही शिक्षा के स्तर के मानकीकरण के लिए है ।

शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गयी अर्जियों पर 22 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले करीब दो दिनों तक आठ याचिकाकर्ताओं की ओर से अंजुम कादरी, अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के एम नटराज समेत कई वकीलों की दलीलें सुनीं। नटराज उत्तर प्रदेश सरकार की ओर शीर्ष अदालत में पेश हुए थे।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 22 मार्च को इस कानून को ‘असंवैधानिक’ तथा धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला घोषित किया था। उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से मदरसों के विद्यार्थियों को औपचारिक विद्यालयों में भेजने का निर्देश दिया था। मदरसों के करीब 17 लाख विद्यार्थियों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code