सुप्रीम कोर्ट ने यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, योगी सरकार को बड़ी राहत
नई दिल्ली, 4 जनवरी। यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने इस क्रम में जल्द चुनाव कराने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। मामले पर अब तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
राज्य सरकार से नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा, आयोग 3 माह में काम पूरा करे
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण ही तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसी के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की थी। वहीं राज्य सरकार ने ओबीसी के ट्रिपल टेस्ट के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग भी बना दिया था। आज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को अपना काम तीन महीने में पूरा करने आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि 31 मार्च तक आयोग को रिपोर्ट देनी है।
हाई कोर्ट ने रद कर दिया था 5 दिसम्बर का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने वैभव पांडेय समेत कुल 93 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के निकाय चुनावों के लिए जारी पांच दिसम्बर, 2022 के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद कर दिया था। इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के जरिए सरकार ने एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षण प्रस्तावित किया था। न्यायालय ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी आरक्षण नहीं लागू किया जाएगा। कोर्ट ने एससी/एसटी वर्ग को छोड़कर बाकी सभी सीटों को सामान्य सीटों के तौर पर अधिसूचित करने का भी आदेश दिया था।
हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि महिला आरक्षण संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार दिए जाए। न्यायालय ने सरकार को निकाय चुनावों की अधिसूचना तत्काल जारी करने का आदेश दिया था। यह भी टिप्पणी की थी कि यह संवैधानिक अधिदेश है कि वर्तमान निकायों के कार्यकाल समाप्त होने तक चुनाव करा लिए जाएं।