सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई चंद्रचूड़ की तस्वीर वाली फर्जी पोस्ट का किया खंडन, दोषी लोगों पर काररवाई की तैयारी
नई दिल्ली, 14 अगस्त। सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ह्वाट्सएप पर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की तस्वीर के साथ एक संदेश लोगों को भेजा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि सीजेआई ने लोगों से सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के पोस्ट को फर्जी बताया है और अब ऐसे लोगों पर काररवाई की तैयारी की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट का बयान
सुप्रीम कोर्ट की ओर सोमवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि वह पुलिस के जरिए मामले में उपयुक्त काररवाई कर रहा है। बयान में कहा गया, ‘ये कोर्ट के संज्ञान में आया है कि एक सोशल मीडिया पोस्ट (जनता को अधिकारियों के खिलाफ भड़काने) में फाइल फोटोग्राफ का इस्तेमाल करके देश के मुख्य न्यायाधीश के हवाले से फर्जी बात लिखी गई। ये पोस्ट फर्जी है, गलत इरादे से की गई है और शरारतपूर्ण है। चीफ जस्टिस की ओर से ऐसी कोई पोस्ट जारी नहीं की गई है और न ही उन्होंने ऐसा कुछ कहा है। इस संबंध में उचित काररवाई की जा रही है।’
फर्जी पोस्ट में ये बातें लिखी गईं
फर्जी पोस्ट में सीजेआई का हवाला देते हुए लिखा गया था, ‘हम भारत के संविधान, भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसमें आपका सहयोग भी बहुत जरूरी है। सभी लोगों को एकजुट होकर सड़कों पर उतरना होगा और सरकार से अपना हक मांगना होगा। ये तानाशाही सरकार लोगों को डराएगी, धमकाएगी, लेकिन आपको डरना नहीं है, बने रहना है। हिम्मत करो और सरकार से हिसाब मांगो, मैं तुम्हारे साथ हूं।’
तुषार मेहता बोले – इसके पीछे जिन लोगों का हाथ, उन पर होगी सख्त काररवाई
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल अतुल कुरहेकर और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दोनों ने ही कहा है कि इस तरह के पोस्ट फर्जी हैं। इसके पीछे जिन लोगों का हाथ है, उनके खिलाफ सख्त कानूनी काररवाई करने की तैयारी हो रही है। तुषार मेहता ने कहा कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती कि सीजेआई ऐसे संदेश जारी करेंगे। ऐसा आज तक नहीं हुआ और न ही ये संभव है।
तुषार मेहता ने कहा, ‘यह फर्जी फॉरवर्ड है। कोई भी सीजेआई कभी भी ऐसा काम नहीं करेगा, सीजेआई चंद्रचूड़ जैसा महान व्यक्ति तो बिल्कुल भी नहीं। उनके नाम पर इतनी गंभीर शरारत के लिए कदम उठाए जाने चाहिए और उठाए जाएंगे।’ हालांकि इस संबंध में अब तक सीजेआई के कार्यालय से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।