सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का दिया आदेश
नई दिल्ली, 18 मई। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी ए. जी. पेरारिवलन की रिहाई का बुधवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवयी और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने रिहाई संबंधी आदेश पारित किया। शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेरीरिवलन के रिहाई का आदेश दिया। पूर्व प्रधानमंत्री की तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदूर में 1991 में हत्या कर दी गयी थी। कोर्ट का फैसला आने के बाद नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग जाएगी।
इसके पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल से ज्यादा कारावास की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था। कोर्ट में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं।
- सात लोगों को ठहराया गया था दोषी
बता दें कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था। इसके बाद कोई राहत न मिलने के बाद ही दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।