सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को ललकारा – क्या पुतिन के साथ ‘सती’ होना चाहते हैं भारत के नीति निर्माता
नई दिल्ली, 1 मार्च। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले से नाखुश और भारत सरकार के कदम से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। तभी उन्होंने इस मामले में सरकार को स्पष्ट नीति अपनाने की सलाह दी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा बीते वर्ष ब्रिक्स प्रस्ताव के दिल्ली घोषणापत्र से पलटते हुए यूक्रेन पर हमला करने के लिए वह अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
‘क्या मोदी जी में पुतिन को पीछे हटने के लिए कहने की हिम्मत होगी?’
सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा, ‘अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि रूस ने यूक्रेन में जो किया है, वह पिछले साल के दिल्ली घोषणापत्र में ब्रिक्स के प्रस्ताव का उल्लंघन है। तो क्या मोदी जी में पुतिन को पीछे हटने के लिए कहने की हिम्मत होगी?”
Now that it is clear that what Russia has done in Ukraine violates BRICS Resolution in Delhi Declaration of last year. Will Modi have the guts to tell Putin to back off?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 1, 2022
पुतिन पर बीते वर्ष ब्रिक्स प्रस्ताव के दिल्ली घोषणापत्र से पलटने का आरोप
इसके साथ ही स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी को ललकारे हुए कहा, ‘क्या भारत के नीति निर्माताओं ने पुतिन के साथ स्वयं को सती करने का फैसला किया है? जब विदेशी बर्बर लोग आए थे तो महिलाओं का सती होना एक नेक कार्य माना जाता था, लेकिन अभी नहीं। अब तो महिलाएं फिर से दुर्गा, सरस्वती या लक्ष्मी जैसी हो गई हैं। वे बराबर हैं, किसी की जागीर नहीं। तो अब भारत माता सती की मांग नहीं करतीं।’
Have India's policy makers decided to commit Sati with Putin? When barbarians come from abroad, it was considered a noble womanly act to commit Sati. Not now. Women are now back to be like Durga, Sarasvati, or Lakshmi. They are equal not property. So Bharat Mata demands no Sati
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 1, 2022
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ‘ब्रिक्स प्रस्ताव’ वाले ट्वीट पर एक यूजर को जवाब देते हुए पीएम के विषय में कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का भी प्रयोग किया और कहा, ‘1.4 अरब सभ्य लोगों का प्रधानमंत्री राजनीतिक हिजड़ा नहीं हो सकता।’