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खेल मंत्री मांडविया बोले – राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक अगले 6 माह में लागू कर दिया जाएगा

खेल मंत्री मांडविया बोले – राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक अगले 6 माह में लागू कर दिया जाएगा

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नई दिल्ली, 13 अगस्त। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को बताया कि संसद में सुचारू रूप से पारित होने के बाद ऐतिहासिक राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक अगले छह माह में लागू कर दिया जाएगा। इस क्रम में प्रारंभिक कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं, जिसमें नियमों का मसौदा तैयार करना और बुनियादी ढांचे की पहचान करना शामिल है।

मनसुख मांडविया ने संसद के दोनों सदनों में खेल विधेयक पारित होने के बाद अपने आवास पर एक साक्षात्कार में विधेयक के उस प्रावधान को ‘मानक सुरक्षा’ के रूप में उचित ठहराया, जो सरकार को असाधारण परिस्थितियों में भारतीय टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर ‘उचित प्रतिबंध लगाने’ का विवेकाधीन अधिकार देता है। उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। अगले छह माह के भीतर शत प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।’

खेल कानून लागू करने वाला 21वां देश बन जाएगा भारत

इस विधेयक के पारित होने से भारत खेल कानून लागू करने वाला 21वां देश बन जाएगा। इसके सबसे अहम प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड (एनएसबी) की स्थापना की जरूरत होगी, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को मान्यता प्रदान करेगा और विवादों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय खेल पंचाट (एनएसटी) तथा एनएसएफ चुनावों की देखरेख के लिए एक राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल (एनएसईपी) का गठन किया जाएगा। विधेयक यह भी सुनिश्चित करता है कि किसी भी एनएसएफ की कार्यकारी समिति में कम से कम चार महिलाएं और दो उत्कृष्ट योग्यता वाले एथलीट शामिल होने चाहिए, जिसकी संख्या 15 तक सीमित है।

खेल मंत्री ने कहा, ‘पदों को बनाने के लिए और अन्य प्रशासनिक अनुमोदन के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग तथा व्यय विभाग की स्थापित प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दोनों संस्थान (एनएसबी और एनएसटी) यथाशीघ्र वैधानिक और प्रक्रियात्मक जरूरतों के अनुरूप पूरी तरह से संचालित हो जाएं।’

उन्होंने यह भी दोहराया कि यह विधेयक ‘स्वतंत्रता के बाद से खेलों में सबसे बड़ा सुधार’ है। इस विधेयक को एनएसएफ और खिलाड़ियों, दोनों ने व्यापक समर्थन दिया है। भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) पहले इसे लेकर संशय में था, लेकिन उसने भी खेल मंत्री के साथ गहन चर्चा के बाद इसका समर्थन किया है।

अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी पर अंतिम फैसला सरकार का होगा

विधेयक के पारित होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी पर अंतिम फैसला सरकार का होगा, जिसकी अघोषित सहमति औपचारिक रूप ले चुकी है। यह मुद्दा अक्सर तब उठता है जब चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव होता है, जैसा इस साल पहलगाम आतंकी हमले के बाद से देखने को मिला है। मांडविया ने कहा कि विधेयक में सरकार के विवेकाधिकार को किसी विशेष देश को ध्यान में रखकर संहिताबद्ध नहीं किया गया है।

नए कानून से भारत के खेल परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा

खेल मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नए कानून के कारण भारत के खेल परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि अगले एजेंडे में अगले दो दशकों में भारत को विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच देशों की सूची में लाने के लिए पदक रणनीति बनाना शामिल है।

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