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टोक्यो ओलंपिक : चोटिल सुपर हैवीवेट मुक्केबाज सतीश की उम्मीदें भी टूटीं, विश्व चैंपियन जालोलोव से हारे

टोक्यो ओलंपिक : चोटिल सुपर हैवीवेट मुक्केबाज सतीश की उम्मीदें भी टूटीं, विश्व चैंपियन जालोलोव से हारे

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टोक्यो, 1 अगस्त। सुपर हैवीवेट (91 किलोग्राम से ऊपर) भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार से पदक की उम्मीदें भी रविवार को खत्म हो गईं, जब वह टोक्यो ओलंपिक खेलों के 10वें दिन रविवार को प्रातःकालीन सत्र में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद विश्व चैंपियन उज्बेकी मुक्केबाज बखोदिर जालोलोव के खिलाफ क्वार्टर फाइनल बाउट 0-5 से हार गए।

जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ पिछली बाउट में लगीं चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर कई टांके लगवाकर कोकुजिकन एरेना में उतरे सेना के 32 वर्षीय मुक्केबाज सतीश ने अपने दाएं हाथ से तगड़े पंच भी जड़े, लेकिन जालोलोव पूरे मुकाबले में हावी रहे। सभी पांचों जजों ने तीनों राउंड में जालोलोव को पूरे 10-10 और सतीश को नौ-नौ अंक दिए। अंततः जालोलोव के पक्ष में 30-27, 30-27, 30-27, 30-27, 30-27 से फैसला आया।

चोट और टांकों के बावजूद बहादुरी से लड़े सतीश

सुपर हैवीवेट में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज सतीश के माथे पर लगा घाव बाउट के दौरान तीसरे दौर में खुल गया, इसके बावजूद वह लड़ते रहे। यही वजह रही फुटबॉलर से मुक्केबाज बने तीन बार के एशियाई चैंपियन जालोलोव ने अपना पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की।

पुरुष मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त
ज्ञातव्य है कि भारत ने पहली बार ओलंपिक खेलों में चार महिलाओं सहित नौ मुक्केबाजों का सबसे बड़ा दल उतारा था। फिलहाल सतीश की हार के साथ ही पुरुष मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई। दल के चार अन्य मुक्केबाजों – अमित पंघल, आशीष कुमार, विकास कृष्णन और मनीष कौशिक को पहले ही दौर में पराजय का सामना करना पड़ा।

लवलीना के इकलौते पदक के साथ लौटेगा मुक्केबाजी दल

इस प्रकार भारतीय मुक्केबाजी दल लवलीना बोरगोहेन के इकलौते पदक साथ स्वदेश लौटेगा, जो सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ पहले ही कांस्य पदक पक्का कर चुकी हैं। टीम की अन्य मुक्केबाजों – एम.सी. मैरीकॉम, पूजा रानी और सिमरनजीत कौर की चुनौती समाप्त हो चुकी है।

लवलीना की वेल्टरवेट (64-69 किलोग्राम) वर्ग के सेमीफाइनल में की चार अगस्त को मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से टक्कर होगी। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि लवलीना अपने पदक को रजत या स्वर्ण में तब्दील कर पाती हैं अथवा उन्हें कांसे से ही संतोष करना पड़ता है। मौजूदा ओलंपिक में अब तक भारत के सिर्फ दो पदक सुनिश्चित हुए हैं। लवलीना से पूर्व महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने पदक स्पर्धाओं के पहले ही दिन रजत पदक जीता था।

सिंधु की कांस्य के लिए बिंग जियाव से होगी मुलाकात

देखा जाए तो रविवार को ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सीमित भागीदारी है। सतीश की हार के बाद अनिरबान लाहिड़ी गोल्फ में चौथा और अंतिम दौर में व्यस्त थे। सायंकालीन सत्र के दौरान महिला एकल बैडमिंटन में छठी सीड सिंधु कांस्य पदक के लिए आठवीं वरीय चीन की हे बिंग जियाव से भिड़ेंगी। यह मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम पांच बजे से प्रस्तावित है जबकि पुरुष हॉकी के क्वार्टर फाइनल में विश्व नंबर तीन भारतीय टीम शाम 5.30 बजे पांचवें क्रम के ग्रेट ब्रिटेन से खेलेगी।

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