संयुक्त किसान मोर्चा को केंद्र सरकार का संशोधित प्रस्ताव स्वीकार, आंदोलन समाप्ति पर जल्द लग सकती है मुहर
नई दिल्ली, 8 दिसंबर। कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मुद्दों को लेकर दिल्ली की तीन सीमाओं पर डटे हैं। और उनका आंदोलन जारी है। हालांकि एमएसपी पर विचार-विमर्श के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई धड़े आंदोलन समाप्ति का मन बना चुके हैं।
सरकार किसानों पर लादे गए मुकदमों की तत्काल वापसी को भी तैयार
इसी क्रम में लगातार दूसरे दिन एसकेएम की बैठक में तमाम मुद्दों पर विचार मंथन हुआ। इसी बीच किसानों ने सरकार के संशोधित प्रस्ताव को भी मान लिया है। समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने आंदोलन के दौरान किसानों पर लादे गए मुकदमों की तत्काल वापसी की बात भी कही है। अब गुरुवार को मध्याह्न 12 बजे सिंघु मोर्चा पर एसकेएम की फिर बैठक होगी और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा। यानी उसी बैठक में आंदोलन समाप्ति पर अंतिम मुहर लग सकती है।
SKM will meet again tomorrow at twelve noon, at Singhu Border, to take a formal decision thereafter to lift the morchas.
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) December 8, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एसकेएम ने भारत सरकार से एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव प्राप्त करने की पुष्टि की है और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एसकेएम के भीतर एक आम सहमति बन गई है। अब, सरकार के लेटरहेड पर हस्ताक्षर किए गए औपचारिक पत्र की प्रतीक्षा है।
आज सयुंक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसान नेताओ ने दो मिनट का मौन रखकर तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर क्रैश में हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी।#जय_जवान_जय_किसान pic.twitter.com/fSkkrACv86
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) December 8, 2021
किसानों की ये हैं प्रमुख मांगें
गौरतलब है कि किसान संगठन कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक वर्ष से भी ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे थे। अब इसे सरकार ने वापस ले लिया है। हालांकि, किसान अभी एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहते हैं। इसके अलावा किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में किसानों पर दर्ज केस को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा किसानों की मांग है कि लाल किला हिंसा में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस भी वापस लिए जाएं।