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मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, लगभग पूरा राज्य अशांत क्षेत्र घोषित, 6 माह के लिए बढ़ाया गया AFSPA

मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, लगभग पूरा राज्य अशांत क्षेत्र घोषित, 6 माह के लिए बढ़ाया गया AFSPA

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इम्फाल, 27 सितम्बर। लगभग पांच माह से हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हालात एक बार हालात बिगड़ गए हैं। बेहद खराब हो चुकी कानून-व्यवस्था को देखते हुए राज्य सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को छोड़ पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है और AFSPA को छह माह के लिए बढ़ा दिया है, जिसकी शुरुआत एक अक्टूबर से होगी।

इंटरनेट सेवाएं भी दोबारा प्रतिबंधित

हाल ही में दो छात्रों की मौत के बाद बवाल और बढ़ गया है। लोगों में गुस्सा है और हजारों छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है। हिंसा की घटनाओं में कमी आने के बाद हाल ही में सरकार ने 23 सितम्बर को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थीं। इंटरनेट सेवाएं बहाल होते ही सोशल मीडिया पर हिंसा की कई वीडियो और ऐसी जानकारियां वायरल होने लगीं, जिनमें सरकार के मुताबिक बहुत सारी भ्रामक थीं और अफवाहें फैलाने की कोशिश की जा रही थीं।

राज्यपाल का मत – पूरे मणिपुर में सशस्त्र बलों की जरूरत

मणिपुर गृह विभाग की ओर से आज जारी हुई अधिसूचना के अनुसार राज्यपाल की राय है कि विभिन्न चरमपंथी समूहों की हिंसक गतिविधियों की वजह से पूरे मणिपुर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है।  इनमें इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लामासांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिंग और जिरीबाम भी शामिल हैं। हालांकि राज्य के 19 पुलिस स्टेशन में शांति है, जिन्हें अशांत क्षेत्र से बाहर रखा गया है।

दो लापता छात्रों की मौत के बाद स्थिति तनावपूर्ण, उग्र प्रदर्शन जारी

मणिपुर से दो लापता छात्रों की तस्वीर और उनके मरने की खबर जब सोशल मीडिया पर सामने आई, उसके बाद घाटी में हालात एक बार फिर खराब हुए। इम्फाल शहर और घाटी के दूसरे इलाकों में छात्र उग्र प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हिंसा की बड़ी घटनाएं नहीं हुई हैं, लेकिन हालात फिर भी मणिपुर में लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। बुधवार की शाम को भी इंफाल की सड़कों पर जमकर हंगामा और प्रदर्शन हुआ।

मणिपुर हिंसा में कई मामलों की जांच सीबीआई करेगी

हालात की नजाकत को समझते हुए मणिपुर के विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इस मामले की भी सीबीआई जांच करने की मांग की है। चिट्ठी के तुरंत बाद केंद्र सरकार हरकत में आई और सीबीआई के बड़े अधिकारियों के नेतृत्व में पूरी टीम इम्फाल की ओर रवाना हो गई। मणिपुर में हिंसा और यौन हिंसा के कई मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी गई है।

कुकी समाज ने सीबीआई जांच का किया स्वागत

जहां छात्राओं की मौत के बाद छात्र सड़कों पर हैं और जांच की मांग कर रहे हैं तो वहीं कुकी समाज के संगठन आईटीएलएफ ने भी सीबीआई जांच का स्वागत किया है। अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने 26 सितम्बर से एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया है।

सुरक्षा एजेंसियां चला रहीं अभियान

सुरक्षा एजेंसियां जगह-जगह पर अभियान चला रही हैं और हिंसा को रोकने की कोशिश कर रही हैं। मणिपुर में अलग-अलग संगठनों के पास अवैध अधिकारों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं और हाल ही में मुख्यमंत्री एन वीरेंद्र सिंह ने तमाम लोगों से अपील की थी कि वह अगले 15 दिनों में अवैध हथियार सरेंडर कर दें अन्यथा 15 दिनों बाद बड़े पैमाने पर सर्च एंड कांबिंग अभियान चलाया जाएगा।

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