आम आदमी पार्टी को झटका : दिल्ली नगर निगम में 13 पार्षदों ने AAP से इस्तीफा देकर बनाई नई पार्टी
नई दिल्ली, 17 मई। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के हाथों सत्ता गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) को शनिवार को बड़ा झटका लगा, जब दिल्ली नगर निगम (MCD) में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उथल-पुथल के तहत AAP के टिकट पर चुने गए 13 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
नए राजनीतिक मोर्चे इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी का गठन
AAP से इस्तीफा देने वाले इन पार्षदों ने एक नए राजनीतिक मोर्चे इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (IVP) के गठन की घोषणा कर दी। दलबदल की ताजा लहर के साथ एमसीडी में ‘आप’ पार्षदों की संख्या 113 से घटकर 100 हो गई है। वहीं भाजपा के पास 117 और कांग्रेस के पास आठ पार्षद हैं।
मुकेश गोयल कर रहे नए गुट का नेतृत्व
इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी का नेतृत्व मुकेश गोयल कर रहे हैं। वह पहले भी आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं और विधानसभा चुनाव में आदर्श नगर सीट से पार्टी उम्मीदवार भी बने थे। उनके साथ हेमचंद गोयल सहित कई अन्य नेता भी हैं।
15 पार्षदों के साथ होने का दावा!
इन सभी नेताओं ने पहले कांग्रेस पार्टी में रहकर राजनीति की थी। नगर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। अब नगर निगम में इस नए गुट के बन जाने से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। नई पार्टी के स्थापित नेताओं का दावा है कि उनके साथ कुल 15 पार्षद हैं। इस घटनाक्रम से एमसीडी के राजनीतिक समीकरणों में काफी हलचल आने की संभावना है।
AAP का आरोप – मेयर चुनाव के वक्त से ही BJP कर रही खरीद-फरोख्त
वहीं AAP का कहना है कि मेयर चुनाव के बाद से ही भाजपा द्वारा आम आदमी पार्टी के पार्षदों को खरीदने की कोशिशें तेज हो गई थीं। हर एक पार्षद को पांच करोड़ रुपये तक का ऑफर दिया गया ताकि वे भाजपा में शामिल होकर पार्टी के पक्ष में वोट दें। भाजपा के पास एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी या वार्ड कमेटी बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं है, इसलिए पार्टी इस तरह के गैरकानूनी तरीके अपना रही है।
पूरे मामले में भाजपा की भूमिका शुरू से अंत तक स्पष्ट – प्रियंका कक्कड़
पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का कहना है कि मेयर चुनाव के दौरान ही भाजपा की इन घुसपैठ की कोशिशों को आम आदमी पार्टी ने सार्वजनिक किया था। प्रियंका ने कहा कि इसके बाद अब भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि जिस पार्टी के नेता जा रहे हैं, वे किसी दूसरी पार्टी के सदस्य हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि पूरे मामले में भाजपा की भूमिका शुरू से अंत तक स्पष्ट है। भविष्य में इस साजिश का सच आसानी से सामने आएगा।
मुकेश गोयल ने AAP के मौजूदा हालात पर गहरा असंतोष जताया
दूसरी तरफ एमसीडी को सौंपे गए एक हस्ताक्षरित बयान में पार्षदों ने ‘आप’ के नेतृत्व और आंतरिक समन्वय से मोहभंग को अपने जाने के प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया। नवगठित पार्टी का नामित अध्यक्ष मुकेश गोयल ने मौजूदा हालात पर गहरा असंतोष व्यक्त किया।
मुकेश गोयल ने कहा, ‘हमारे चुने जाने के बाद से ढाई साल तक कोई सार्थक विकास कार्य नहीं हुआ है। पार्टी आंतरिक विवादों और दोष-स्थानांतरण की संस्कृति में डूबी हुई है। हमने लगातार नेतृत्व के सामने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं, लेकिन हमारी दलीलें अनसुनी कर दी गईं।‘
गोयल ने आगे आरोप लगाया कि निर्वाचित पार्षदों को उनके संबंधित वार्डों में विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक बजट से वंचित किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘हम दिल्ली के लोगों के लिए ठोस काम को प्राथमिकता देने के लिए दृढ़ हैं। हमारा उद्देश्य सदन के सुचारु संचालन और जनहित के लिए नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है।’
उल्लेखनीय यह है कि दल-बदल विरोधी कानून, जो निर्वाचित प्रतिनिधियों को दल बदलने से रोकता है, एमसीडी सहित नगर निकायों पर लागू नहीं होता है। जिससे इस तरह की राजनीतिक पैंतरेबाजी की अनुमति मिल जाती है।
