शिवसेना (UBT) ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस-AAP से बनाई दूरी, चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे उद्धव ठाकरे
मुंबई, 28 जनवरी। राष्ट्रीय स्तर पर सत्तारूढ़ गठबंधन भाजपा नीत एनडीए को चुनौती देने के लिए बनाए गए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के घटक दलों में बिखराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है और दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इसके कई रंग देखने को मिल रहे हैं।
दरअसल, दिल्ली चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के आमने-सामने आने के साथ ही I.N.D.I.A. में दरार दिखने लगी थी। उसके बाद तृणमूल कांग्रेस व सपा सहित कुछ अन्य दलों ने चुनाव प्रचार में कांग्रेस के मुकाबले AAP के समर्थन की घोषणा कर दी और अब ताजा कहानी यह है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) को मिली करारी हार के बाद शिवसेना (UBT) ने दिल्ली चुनाव में दोनों पार्टियों – कांग्रेस और AAP से दूरी बना ली है।
इसका संकेत शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत के बयान से मिला, जिन्होंने कह दिया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस या ‘आप’ के लिए प्रचार नहीं करेंगे। संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने तटस्थ रुख अपनाया है। हालांकि राउत ने जोर देकर कहा कि आप और कांग्रेस, दोनों ही I.N.D.I.A. के सदस्य तथा शिवसेना (यूबीटी) के मित्र हैं।
हम कहीं प्रचार के लिए नहीं जा रहे, हम तटस्थ हैं : राउत
संजय राउत से जब पूछा गया कि क्या उद्धव ठाकरे पांच फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों में से किसी के लिए प्रचार करेंगे, तो उन्होंने कहा कि ‘हम कहीं प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं। हम तटस्थ हैं।’
सपा और टीएमसी ने आप को दिया समर्थन
गौरतलब है समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन दिया है। सपा ने आज यह भी घोषणा कर दी कि पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सहित अन्य नेता दिल्ली में AAP के लिए प्रचार करने भी जाएंगे। वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया है।
दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली चुनाव में ‘आप’, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। पिछले दो चुनावों में ‘आप’ को भारी जीत मिली थी। आम आदमी पार्टी दिल्ली में लगातार चौथी बार सरकार बनाने के इरादे से उतरी है तो वहीं भाजपा ढाई दशक से ज्यादा समय का सूखा खत्म करना चाहेगी। दिल्ली में सभी विधानसभा 70 सीटों पर पांच फरवरी को एक ही चरण में मतदान होना है जबकि आठ फरवरी को परिणाम सामने आएंगे।