शरद पवार ने भतीजे अजित की मौजूदगी में बेटी सुप्रिया सुले को बनाया एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष
मुंबई, 10 जून। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में फिर एक बार उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। इसकी खास वजह यह है कि शनिवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार ने भतीजे अजित पवार की झटका देते हुए बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। मई में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का एलान कर चुके सीनियर पवार ने तब नए कार्यकारी अध्यक्ष की बात कही थी। हालांकि, कुछ दिनों बाद ही उन्होंने फैसला वापस ले लिया था।
सुले को पंजाब-हरियाणा की भी जिम्मेदारी, प्रफुल्ल पटेल एमपी, राजस्थान व गोवा देखेंगे
पार्टी ने सांसद सुले को पंजाब और हरियाणा की भी जिम्मेदारी दी है जबकि पटेल मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा देखेंगे। खास बात यह रही कि सीनियर पवार ने भतीजे अजित की मौजूदगी में यह घोषणा की। पवार के इस्तीफे के एलान के बाद से ही सुले का नाम चर्चा में था। उनके अलावा अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल को भी बड़ा दावेदार माना जा रहा था।
सीनियर पवार पहले ही दे चुके थे संकेत
वर्ष 2020 में एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान भी पवार ने बेटी को बड़ी भूमिका देने के संकेत दिए थे। तब उन्होंने कहा था, ‘वह राष्ट्रीय राजनीति और संसद में काम करने में ज्यादा दिलचस्पी रखती हैं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से भी नवाजा गया था। सबकी अपनी पसंद की एक फील्ड होती है। उनकी भी है।’
अजित पवार के लिए झटका
वहीं दूसरी तरफ बीते कुछ महीनों से एनसीपी में पवार और भतीजे अजित के बीच तकरार की खबरें सामने आ रही थीं। कहा जा रहा था कि अजित महाविकास अघाड़ी से अलग होकर एनसीपी को भारतीय जनता पार्टी के साथ ले जाना चाहते थे। उस दौरान पार्टी के दोनों बड़े नेताओं के बीच विधायकों का समर्थन जुटाने की कोशिश की बात भी सामने आई। ऐसे में यह फैसला अजित के लिए झटका हो सकता है।
विपक्षी एकता की अपील
इस दौरान सीनियर पवार ने विपक्षी एकता के लिए भी समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा, ‘… सभी राजनीतिक दलों को साथ आना होगा। मुझे भरोसा है कि इस देश के लोग हमारी मदद करेंगे। 23 तारीख को हम सभी बिहार में मिलेंगे और एक कार्यक्रम तैयार करेंगे, जो देशभर में यात्रा कर लोगों के सामने पेश करेंगे।’ ज्ञातव्य है बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक होने जा रही है।
सुले ने 2006 में राज्यसभा के रास्ते राजनीति में एंट्री की थी
सुप्रिया सुले की बात करें तो उन्होंने सितम्बर, 2006 में राज्यसभा सांसद के तौर पर राजनीति में एंट्री की थी। 2009 में वह बारामती से लोकसभा सांसद बनीं। उससे पहले तक यह सीट पवार संभाल रहे थे। उन्होंने महिलाओं से जुड़ने के लिए राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस का भी गठन किया था। कहा जाता है कि वर्ष 2017 में सुले ने ही भाजपा के साथ जाने का खुलकर विरोध किया था।