1. Home
  2. राज्य
  3. उत्तरप्रदेश
  4. वाराणसी कोर्ट से हिन्दू पक्ष को झटका : ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक्त ASI सर्वेक्षण की मांग खारिज
वाराणसी कोर्ट से हिन्दू पक्ष को झटका : ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक्त ASI सर्वेक्षण की मांग खारिज

वाराणसी कोर्ट से हिन्दू पक्ष को झटका : ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक्त ASI सर्वेक्षण की मांग खारिज

0
Social Share

वाराणसी, 25 अक्टूबर। धार्मिक नगरी वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के सबसे पुराने मामले में शुक्रवार को हिन्दू पक्ष को झटका लगा, जब स्थानीय अदालत ने वुजूखाना सहित सम्पूर्ण परिसर के अतिरिक्त ASI सर्वेक्षण की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी। सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) युगुल शंभू की अदालत ने गत 19 अक्टूबर को 1991 में दायर मुकदमे की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।

वुजूखाना समेत संपूर्ण परिसर के ASI सर्वे की मांग की गई थी

मुकदमे के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से ज्ञानवापी के वुजूखाना समेत संपूर्ण परिसर के ASI सर्वे की मांग की गई थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एएसआई सर्वे का शेष हिस्सा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संरक्षित है। इसके साथ ही हिन्दू पक्ष की ओर से सम्पूर्ण सर्वेक्षण करने की मांग के समर्थन में कोई ठोस कारण प्रस्तुत नहीं किया गया है, इसलिए आगे का सर्वेक्षण आवश्यक नहीं है।

हिन्दू पक्ष ने दी थी ये दलील

हिन्दू पक्ष की ओर से पिछली सुनवाई में वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने एएसआई सर्वे से अतिरिक्त वुजूखाना और तहखाना के सर्वेक्षण की मांग उठाई थी। उनका कहना था कि पूर्व में फास्ट ट्रैक कोर्ट की ओर से सम्पूर्ण सर्वेक्षण का आदेश हुआ है, जिसे विपक्षी अंजुमन की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने अंजुमन की आपत्ति को खारिज कर लोअर कोर्ट को त्वरित सुनवाई का आदेश दिया था।

वादमित्र ने दलील में कहा कि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि राखी सिंह मामले में जिला जज की कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट गया था। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एएसआई के डायरेक्टर ने शपथ पत्र दिया था। सर्वे में कोई क्षति नहीं होगी। राखी सिंह की मामला व्यक्तिगत वाद के संबंध से है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 1991 का लार्ड विश्वेश्वर पुराना वाद अलग है। राखी सिंह के वाद की बाध्यता इस पर नहीं लागू होगी। राखी सिंह के वाद पर हुआ सर्वे लोअर कोर्ट के वर्ष 2021 में हुए आदेश के अनुरूप नहीं है। सेंट्रल गुंबद के नीचे का सर्वे नहीं हुआ है, जहां पर बहुत बड़ा शिवलिंग है। ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना का सर्वे भी यह कहकर नहीं किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे सील किया है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उक्त स्थान के सर्वे करने पर रोक नहीं लगाई है। सिर्फ संरक्षित करने का आदेश दिया है। इसलिए संपूर्ण सर्वे जरूरी है।

मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी

इसके जवाब में प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दलील देते हुए कहा था कि एएसआई की ओर से सर्वेक्षण हो चुका है। अब अतिरिक्त सर्वे की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपने पूर्व के एक आदेश में कहा है कि अब ज्ञानवापी में कोई कार्य होगा तो उसके लिए अनुमति लेनी होगी। इसलिए यह अर्जी खारिज करने योग्य है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की गई है।

आदेश का अध्ययन के बाद हाई कोर्ट जाने पर फैसला होगा

इस बीच हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करेंगे और उसके बाद तय करेंगे कि इसके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय या जिला अदालत में याचिका दायर की जाए या नहीं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code