1. Home
  2. हिन्दी
  3. खेल
  4. विश्व बैडमिंटन : सात्विक-चिराग ने रचा इतिहास, पहली बार पुरुष युगल में पदक पक्का, प्रणय संघर्ष के बाद हारे
विश्व बैडमिंटन : सात्विक-चिराग ने रचा इतिहास, पहली बार पुरुष युगल में पदक पक्का, प्रणय संघर्ष के बाद हारे

विश्व बैडमिंटन : सात्विक-चिराग ने रचा इतिहास, पहली बार पुरुष युगल में पदक पक्का, प्रणय संघर्ष के बाद हारे

0
Social Share

टोक्यो, 26 अगस्त। भारत के स्टार शटलर चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी यहां जारी बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में बड़ी सीड गिराते हुए इतिहास रच दिया और सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ चैंपियनशिप के पुरुष युगल में पहली बार भारत के लिए पदक पक्का कर दिया है।

हालांकि ध्रुव कपिला और एम.आर. अर्जुन की दूसरी भारतीय जोड़ी का साहसिक सफर समाप्त हो गया जबकि पुरुष एकल में केंटो मोमोटा व हमवतन लक्ष्य सेन के रूप में लगातार दो सीड गिराने वाले देश के अनुभवी शटलर एच.एस. प्रणय भी संघर्षपूर्ण पराजय के बाद बाहर हो गए।

शेट्टी व रैंकीरेड्डी ने दूसरी सीड जापानी टीम को चौंकाया

चिराग और सात्विक की सातवीं वरीय जोड़ी ने कोर्ट नंबर दो पर खेले गए रोमांचक क्वार्टर फाइनल में दूसरी सीड जापानी युगो कोबायाशी और ताकुरो होकी को 24-22, 15-21, 21-14 से हराया। एक घंटा 15 मिनट तक खिंचे मैच में पहला गेम कड़े संघर्ष के बीच 24 अंकों पर निर्णीत हुआ तो दूसरा गेम जीतकर कोबायाशी व ताकुरो ने बराबरी कर ली। फिलहाल निर्णायक गेम में भारतीय युगल ने बेहतर सूझबूझ व आपसी तालमेल के सहार मेजबान टीम को टिकने नहीं दिया।

बीते बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीतने वाले सात्विक और चिराग ने इसके साथ ही विश्व चैंपियनशिप में अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है। अब फाइनल में प्रवेश के लिए उनका सामना आरोन चिया और सोह वूई यिक की छठी वरीयता प्राप्त मलेशियाई जोड़ी से होगा।

चीनी शटलर जुन पेंग के हाथों तीन गेमों के संघर्ष में हारे प्रणय

चिराग व सात्विक के बाद इसी कोर्ट पर उतरे 30 वर्षीय प्रणय  भारत के लिए एक और पदक पक्का करते-करते रह गए, जब विश्व रैंकिंग में 23वें क्रम पर चल रहे चीन के झाओ जुन पेंग ने स्वयं से पांच पायदान ऊपर प्रणय को 64 मिनट तक चले तीन गेमों के संघर्ष में 19-21, 21-6, 21-18 से हरा दिया। पहला गेम जीतने के बाद प्रणय एकदम हत्थे से उखड़े नजर आए। हालांकि तीसरे व निर्णायक गेम में उन्होंने जबर्दस्त संघर्ष किया, लेकिन वह झाओ पेंग के सामने नाकाफी रहा।

शक्तिशाली इंडोनेशियाई जोड़ी ने अर्जुन-कपिला का सफर रोका

इससे पहले कोर्ट नंबर एक पर एम.आर. अर्जुन और ध्रुव कपिला का विजय अभियान तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान के हाथों पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में हार के साथ समाप्त हो गया। तीसरी सीड इंडोनेशियाई जोड़ी ने सिर्फ 29 मिनट में यह मुकाबला 21-8, 21-14 से जीता।

विश्व बैडमिंटन में भारत का 13वां मेडल

फिलहाल यह कहने में कोई शक नहीं कि 2011 के बाद से भारतीय शटलरों का विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में प्रदर्शन शानदार रहा है और उन्होंने लगातार पदक जीते हैं। इस कड़ी में चिराग व सात्विक ने भारत का 13वां पदक किया। पहला पदक प्रकाश पादुकोण ने 1983 में दिलाया था, तब डेनमार्क में हुई चैंपियनशिप में पादुकोण ने पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था।

भारत ने हालांकि विश्व चैंपियनशिप में अब तक एक ही गोल्ड जीता है। यह स्वर्ण पदक पीवी सिंधु ने 2019 में दिलाया था। पिछले वर्ष पुरुष एकल में किदाम्बी श्रीकांत ने रजत पदक जीता था जबकि उनसे सेमीफाइनल में हारे लक्ष्य सेन पहले ही प्रयास में कांस्य पदक लेने में सफल रहे थे।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code