ऑस्ट्रेलियाई ओपन : सानिया मिर्जा के ग्रैंड स्लैम करिअर का समापन, मिश्रित युगल फाइलन में परास्त
मेलबर्न, 27 जनवरी। भारतीय महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा के चमकदार ग्रैंड स्लैम करिअर का शुक्रवार को समापन हो गया, जब रोहन बोपन्ना के साथ उनकी भारतीय जोड़ी को ऑस्ट्रेलियाई ओपन के मिश्रित युगल फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। ब्राजील की लुसा स्टेफनी और राफेल माटोस ने सानिया-रोहन बोपन्ना को एक घंटा 27 मिनट में 7-6 (2), 6-2 से हराया और एक टीम के रूप में पहला मेजर खिताब जीता।
36 वर्षीया सानिया मिर्जा ने मैच खत्म होने के बाद ने ब्राजीली जोड़ी को जीत के लिए बधाई दी और उनके खेल की भी सराहना की। हालांकि, जैसे ही उन्होंने ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में अपने करिअर के बारे में बात करना शुरू किया, वह भावुक हो गईं और आंसूओं को नहीं रोक सकीं।
सानिया ने पहले ही एलान कर दिया था कि ऑस्ट्रेलियाई ओपन उनके करिअर का आखिरी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट होगा। सानिया पहले ही कह चुकी हैं कि फरवरी में दुबई में होने वाला डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट उनके करिअर का आखिरी टूर्नामेंट होगा।
‘कभी नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने मैं कोई ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलूंगी‘
मैच के बाद सानिया ने कहा, ‘मेरा पेशेवर करिअर मेलबर्न में शुरू हुआ…मैं अपने ग्रैंडस्लैम करिअर को खत्म करने के लिए इससे बेहतर जगह के बारे में नहीं सोच सकती। रॉड लेवर एरेना मेरे लिए हमेशा सबसे खास रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने मैं कोई ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलूंगी।’
“My professional career started in Melbourne… I couldn’t think of a better arena to finish my [Grand Slam] career at.”
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गौरतलब है कि यह सानिया के करिअर का 11वां ग्रैंडस्लैम फाइनल था। सानिया ने अपने करिअर में छह ग्रैंड स्लैम सहित कुल 43 युगल खिताब जीते हैं। वह पेशेवर टेनिस करिअर के दौरान महिलाओं के युगल वर्ग में 91 हफ्तों तक दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी रही हैं।
सानिया ने कुल 6 ग्रैंड स्लैम युगल खिताब जीते
सानिया के छह ग्रैंड स्लैम खिताबों में से तीन मिश्रित युगल हैं, जो उन्होंने महेश भूपति (2009 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 2012 फ्रेंच ओपन) और ब्राजील के ब्रूनो सोरेस (2014 अमेरिकी ओपन) के साथ जीते। सानिया ने अपने तीनों मीहिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब (विंबलडन 2015, अमेरिकी ओपन 2015 और ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2016) स्विस स्टार मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर जीते।
दूसरी ओर बोपन्ना का यह चौथा ग्रैंडस्लैम फाइनल था। उनके नाम एक ग्रैंडस्लैम मिश्रित युगल खिताब है। उन्होंने 2017 में हंगरी की टिमिया बाबोस के साथ खेलते हुए फ्रेंच ओपन जीता था।
The FIRST all-🇧🇷 team to win a Grand Slam mixed doubles title!
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इस मुकाबले की बात करें तो शुरुआत में 0-2 से पिछड़ने के बाद सानिया व रोहन ने शानदार वापसी करते हुए 5-3 की बढ़त ले रखी थी। लेकिन स्टेफनी और माटोस ने न सिर्फ 6-6 की बराबरी की वरन सेट का टाईब्रेकर भी आसानी से जीत लिया। दूसरे सेट में तो भारतीय जोड़ी ब्राजीली टीम का तनिक भी सामना नहीं कर सकी।