खेल मंत्रालय के साथ वार्ता के बाद बोलीं साक्षी मलिक – ‘सरकार से कोई संतुष्ट जबाव नहीं मिला, सिर्फ आश्वासन’
नई दिल्ली, 19 जनवरी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भारतीय पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को खेल मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता की। इस वार्ता के बाद पहलवानों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला है।
‘हम पीएम साहब से न्याय सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं‘
पूर्व ओलंपिक कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, ‘सरकार ने कोई काररवाई का वादा नहीं किया, उन्होंने केवल आश्वासन दिया है और हम प्रतिक्रिया से खुश नहीं हैं। हम रेसलिंग फेडरेशन को भंग करवाना चाहते हैं। हर जगह उनके लोग हैं। हमें केरल, महाराष्ट्र से फोन आ रहे हैं, जो पीड़ित रही हैं।’ उन्होंने पीएम मोदी से इंसाफ की गुजारिश करते हुए कहा, ‘हम पीएम साहब से न्याय सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं।’
बजरंग पुनिया बोले – ‘हमारी लड़ाई फेडरेशन के खिलाफ है न कि सरकार के खिलाफ‘
वहीं धरना प्रदर्शन पर बैठे टोक्यो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा, ‘हमारे साथ 5-6 महिला पहलवान हैं, जिन्होंने इन अत्याचारों का सामना किया है और हमारे पास इसे साबित करने के सबूत हैं। हम चाहते हैं कि फेडरेशन को बंद किया जाए क्योंकि फेडरेशन में वे अपने ही लोगों को बैठाएंगे। अगर इसका समाधान जल्दी नहीं निकला तो हम कानून का भी सहारा लेंगे।’ उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘हमारी लड़ाई फेडरेशन के खिलाफ है न कि सरकार के खिलाफ।’
हमें जान का भी खतरा, हमने पुलिस की प्रोटेक्शन भी नहीं ली – विनेश फोगाट
राष्ट्रकुल व एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा, ‘हमें जान का भी खतरा है, हमने पुलिस की प्रोटेक्शन भी नहीं ली है। जब शोषण होता है तो एक कमरे में होता है, वहां कैमरे नहीं लगाए जाते हैं। वे लड़कियां भी हमारे साथ हैं, जो इसे साबित कर सकती हैं।’
दिल्ली के जंतर मंतर पर दो दिनों से धरने पर बैठे पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के न केवल इस्तीफे की मांग की बल्कि यौन उत्पीड़न के लिए उन्हें जेल भिजवाने की भी बात कही। फोगाट ने कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि बृजभूषण सिंह इस्तीफा दें और उन्हें जेल हो, हम उनके खिलाफ केस दर्ज कराएंगे।’