यूरोप में टलने लगा युद्ध का खतरा : रूसी सैनिकों की यूक्रेन की सीमा से सैन्य अड्डों में वापसी शुरू
मॉस्को, 15 फरवरी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के चलते यूरोप पर मंडरा रहा युद्ध का खतरा उस समय कम होता नजर आया, जब रूस ने मंगलवार को कहा कि वह यूक्रेन की सीमा के पास तैनात अपने कुछ सैनिकों को उनके ठिकानों पर वापस भेज रहा है।
यूक्रेन समेत पश्चिमी मुल्कों के साथ चल रहे विवाद के बीच गतिरोध को खत्म करने की दिशा में उठाया गया यह पहला बड़ा कदम है। यह कदम तब उठाया गया है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर राजनियक प्रयास जारी हैं। हालांकि, रूस ने अब भी यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात कर रखा है।
इसके पूर्व यूक्रेन संकट अपने चरम पर पहुंच गया था। इसी क्रम में अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि रूस कुछ दिनों के भीतर ही यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला कर सकता है। इसी क्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने नागरिकों से यूक्रेन जल्द से जल्द छोड़ने की अपील की थी। वहीं कीव स्थित भारतीय दूतावास ने भी इस आशय की एक एडवाइजरी जारी की है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा – सीमा के पास तैनात सुरक्षा बलों का सैन्य अभ्यास पूरा
फिलहाल मंगलवार सुबह रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि यूक्रेन की सीमा के पास तैनात सुरक्षा बलों ने अपना सैन्य अभ्यास पूरा कर लिया है और वे वापसी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिणी और पश्चिमी मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट की इकाइयां अपने काम को पूरा करने के बाद रेल और कार पर सवार होना शुरू कर चुकी हैं और आज ही वे अपने सैन्य गैरीसन में जाना शुरू कर देंगी।
हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सैन्य अभ्यास में शामिल रहीं कितनी इकाइयों ने लौटना शुरू किया है। इस बात की भी जानकारी नहीं है कि सैनिकों की वापसी के बाद यूक्रेन के आसपास तैनात रूसी सैनिकों की संख्या पर क्या प्रभाव पड़ने पाला है। यदि पश्चिमी मुल्कों के अधिकारी भी इस बात की पुष्टि कर देते हैं कि रूस ने अपने सैनिकों की संख्या को कम किया है, तो ये यूरोप में एक बड़े युद्ध की आशंका को कम करेगा।
पश्चिमी देशों के साथ बातचीत को तैयार रूस
वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क्रेमलिन ने सोमवार को संकेत दिया था कि वह सुरक्षा शिकायतों को लेकर पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, जिससे यह उम्मीद जगी है कि वह यूक्रेन पर फिलहाल आक्रमण नहीं करेगा। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा पर सवाल बना हुआ है और शीत युद्ध के बाद से सबसे खराब तनाव के बीच देश अपने राजनयिकों को वापस बुला रहे हैं।