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वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक में हंगामा : ओवैसी व कल्याण बनर्जी सहित सभी विपक्षी सांसद निलंबित

वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक में हंगामा : ओवैसी व कल्याण बनर्जी सहित सभी विपक्षी सांसद निलंबित

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नई दिल्ली, 24 जनवरी। वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की आज हुई बैठक के दौरान हंगामा हो गया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि मार्शल तक को बुलाना पड़ गया। इसी क्रम में जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ नारेबाजी और लगातार विरोध प्रदर्शन के आरोपों के बीच असदुद्दीन ओवैसी व कल्याण बनर्जी सहित सभी 10 विपक्षी सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।

विपक्षी सदस्यों का आरोप था कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित बदलावों के अध्ययन के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। निलंबित सदस्यों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, सैयद नासिर हुसैन, मोहिबुल्ला, मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीम उल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।

निशिकांत दुबे बोले – वे बहुमत की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे समिति ने स्वीकार कर लिया। भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा – कल्याण बनर्जी ने मुझे गाली दी

वहीं जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल इस हंगामे पर बोले, ‘हमने सदन को दो बार स्थगित किया। कल्याण बनर्जी ने मेरे खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे गाली दी, मैं उनसे अनुरोध करता रहा कि उन लोगों को बोलने दें, जिन्हें हमने आमंत्रित किया था।”

जगदंबिका पाल ने कहा कि हमने सदन को बार-बार स्थगित किया, लेकिन विपक्षी सांसद नहीं चाहते थे कि बैठक जारी रहे। बैठक में जम्मू-कश्मीर से एक प्रतिनिधिमंडल आया था, लेकिन विपक्षी सांसद चिल्लाते और नारे लगाते रहे। इसलिए आखिरकार निशिकांत दुबे को प्रस्ताव पेश करना पड़ा और सभी ने इस पर सहमति जताई।’

विपक्षी सदस्यों का आचरण शर्मनाक था – अपराजिता सारंगी

वहीं भाजपा सदस्य अपराजिता सारंगी ने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों का आचरण ‘शर्मनाक’ था क्योंकि वे बैठक के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। सारंगी ने कहा, ‘आज हम दोनों पक्षों को सुनने के लिए यहां आए थे, एक जम्मू-कश्मीर का संगठन था और दूसरा दिल्ली के वकीलों का संगठन था। संगठन के सदस्य इंतजार कर रहे थे। लेकिन टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे थे। सांसद बनर्जी ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल के लिए असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल किया। बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी।’

दरअसल, जेपीसी कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनने वाली थी। मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में हंगामा हो गया।

विपक्षी सदस्यों का दावा – भाजपा रिपोर्ट शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही

विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है। बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। मीरवाइज के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल समिति की बैठक फिर से शुरू होने के बाद उसके समक्ष पेश हुआ।

बैठक 30 या 31 जनवरी तक टालने की मांग कर रहे थे विपक्षी सांसद

इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर निकल आए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही ‘तमाशा’ बन गई है। उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए 27 जनवरी को होने वाली बैठक 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दी जाए।

धर्मिक मामलों में सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए – मीरवाइज उमर फारूक

समिति के समक्ष पेश होने से पहले मीरवाइज ने संवाददाताओं से कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं और धर्म के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप नहीं करने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को सुना जाएगा और उन पर अमल किया जाएगा तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जो मुसलमानों को महसूस कराए कि उन्हें शक्तिहीन किया जा रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘वक्फ का मुद्दा बहुत गंभीर मामला है, खासकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल राज्य है। कई लोगों को इस बारे में चिंताएं हैं और हमने इन चिंताओं के बिंदुवार समाधान के लिए एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया है। हम चाहते हैं कि सरकार वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे।’ उन्होंने दावा किया कि जब मस्जिदों और मंदिरों की बात होती है तो जम्मू-कश्मीर में पहले से ही तनाव का माहौल है। मीरवाइज ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे जम्मू-कश्मीर में माहौल खराब हो।

इससे पहले मीरवाइज, पाल से उनके आवास पर मिलने वाले थे। यह पहली बार है, जब लगभग निष्क्रिय हो चुके अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद कश्मीर घाटी से बाहर कदम रखा है।

अब तक 34 बैठकें हुईं

भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक पर आठ अगस्त, 2024 को गठित जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त, 2024 को हुई थी। तक से अब तक कुल 34 मीटिंग हो चुकी है। हर बैठक में जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने सभी को सुना। सभी के विचारों का सम्मान किया, लेकिन आज टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने अध्यक्ष के लिए असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग किया।

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