1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए मुस्लिम नेताओं और विद्वानों से की मुलाकात
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए मुस्लिम नेताओं और विद्वानों से की मुलाकात

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए मुस्लिम नेताओं और विद्वानों से की मुलाकात

0
Social Share

नई दिल्ली, 24 जुलाई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने विभिन्न मुद्दों को लेकर हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच उभरती खाई को पाटने की एक बड़ी पहल के तहत गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित हरियाणा भवन में 50 से ज्यादा मुस्लिम धार्मिक नेताओं और विद्वानों से मुलाकात की।

इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने की बैठक की मेजबानी

यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब विपक्ष और नागरिक समाज द्वारा आरएसएस पर ध्रुवीकरण फैलाने, समाज को धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर विभाजित करने के आरोप लगातार लगाए जा रहे हैं। बंद कमरे में साढ़े तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक की मेजबानी अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने की।

समुदायों के बीच संवाद जारी रहने चाहिए

इमाम इलियासी ने संघ प्रमुख के साथ हुई बैठक को हिन्दू-मुस्लिम विभाजन को पाटने की एक बड़ी पहल करार देते हुए कहा, ‘हमारा मुख्य उद्देश्य बातचीत की भावना को जीवित रखना है। हम अलग-अलग धर्मों को मान सकते हैं, लेकिन हम सभी भारतीय हैं। समुदायों के बीच कोई वैमनस्य नहीं होना चाहिए और संवाद जारी रहने चाहिए।’

इमाम इलियासी ने कहा, ‘यह पहली बार था, जब मुस्लिम धर्मगुरुओं के इतने व्यापक प्रतिनिधिमंडल ने इस पैमाने पर आरएसएस के साथ औपचारिक बातचीत की। बैठक ज्ञानवापी या हिजाब जैसे किसी एक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि यह विश्वास निर्माण का एक प्रयास था। हमने व्यापक चिंताओं पर बात की।’

सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, सामाजिक एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चर्चा के केंद्र में थे। नेताओं ने इस मील के पत्थर को स्वीकार किया क्योंकि आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है और अखिल भारतीय इमाम संगठन 50 वर्ष पूरे कर रहा है। इमाम इलियासी ने इसे एक सकारात्मक डेवलपमेंट बताते हुए जोर देकर कहा कि यह अंत नहीं बल्कि निरंतर जुड़ाव की शुरुआत है।

राष्ट्रीय एकता की भावना

उन्होंने बताया कि मोहन भागवत खुद इस बात पर सहमत हुए कि ये बातचीत राष्ट्रीय एकता की भावना से जारी रहनी चाहिए। बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और नागरिक समाज की आलोचना के बीच इस संवाद को एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि दोनों समुदायों को भारत में शांति और बहुलवाद बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से जुड़ने की आवश्यकता है।

बैठक में इन लोगों की रही भागीदारी

बैठक में गुजरात और हरियाणा के मुख्य इमामों, उत्तराखंड, जयपुर और उत्तर प्रदेश के ग्रैंड मुफ्तियों, देवबंद मदरसा के प्रतिनिधियों और कई अन्य लोगों सहित मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी भाग लिया जबकि आरएसएस की ओर से डॉ. भागवत के साथ संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल व राम लाल सहित अन्य शीर्ष पदाधिकारी शामिल थे।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code