ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की रेस : ऋषि सुनक ने 137 वोट पाकर पांचवां राउंड भी जीता, अब फाइनल में लिज ट्रूस से मुकाबला
लंदन, 20 जुलाई। भारतीय मूल के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के चुनाव के लिए आयोजित पांचवें दौर की वोटिंग में धमाकेदार जीत दर्ज की है।
पेनी मोर्डंट 105 वोट पाकर मुकाबले से बाहर
ऋषि सुनक को पांचवे राउंड की वोटिंग में 137 वोट मिले जबकि लिज ट्रूस 113 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। पेनी मोर्डंट 105 वोट पाकर मुकाबले से बाहर हो गई हैं। ऋषि सुनक को उनकी पार्टी के सहयोगियों द्वारा चौथे दौर के मतदान में 118 वोट मिले थे। वहीं व्यापार मंत्री पेनी मोर्डंट को 92 वोट मिले थे और विदेश मंत्री लिज ट्रूस को 86 वोट मिले थे।
ऋषि सुनक ने पीएम पद के लिए जादुई आंकड़ा छुआ
वस्तुतः ऋषि सुनक ने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के लिए जादुई आंकड़े को पार कर लिया है। बोरिस जॉनसन की जगह लेने के लिए उन्हें 120 वोटों की जरूरत थी, लेकिन सुनक ने इस बाधा को पार करते हुए पांचवे राउंड में 137 वोट हासिल किया। जीत के बाद टीम सुनक ने कहा कि सांसदों के स्पष्ट जनादेश के साथ यह वास्तव में एक मजबूत परिणाम है।
सुनक व लिज अब पूरे देश में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच प्रचार करेंगे
ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद के फाइनल के लिए दो उम्मीदवार तय हो चुके हैं। अब शुक्रवार से दोनों उम्मीदवार पूरे देश में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच अपने लिए प्रचार करेंगे, जिसके बाद टोरी पार्टी के 1,60,000 सदस्य अपने नेता के लिए डाक के जरिए वोट डालेंगे। इन डाक मतपत्रों की गिनती कर पांच सितंबर को विजेता की घोषणा की जाएगी। इस बीच अंतिम दो उम्मीदवार सोमवार 25 जुलाई को बीबीसी पर आमने-सामने की बहस में भाग लेने के लिए सहमत हो गए हैं।
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायण मूर्ति के दामाद हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक इन्फोसिस के चेयरमैन रह चुके नारायण मूर्ति के दामाद हैं। वह यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद हैं। 2015 में संसद में कदम रखन वाले ऋषि कंजर्वेटिव पार्टी के उन नेताओं में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने के बोरिस जॉनसन के फैसले का समर्थन किया था। उनका मानना था कि ब्रिटेन में छोटे बिजनेस ब्रेग्जिट से बाहर निकलने के बाद बेहतर परफॉर्म करेंगे। सुनक वित्त मंत्री बनने से पहले राजकोष के चीफ सेक्रटरी रह चुके हैं और वित्त मंत्री के सेकेंड इन कमांड भी रह चुके हैं।