जांच में खुलासा : कानपुर से मिल रही थी अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों को मदद, बिल्डर समेत 7 से पूछताछ
कानपुर, 13 जुलाई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बीते दिनों यूपी आतंकवादरोधी दस्ते (एटीएस) की गिरफ्त में आए अलकायदा समर्थित संगठन अंसार गजवातुल हिंद के दो संदिग्ध आतंकवादियों – मसीरूद्दीन और मिन्हाज ने कई राज उगले हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि अलकायदा आतंकियों की सबसे बड़ी मदद कानपुर से हो रही थी।
एटीएस ने इसी क्रम में कानपुर से बिल्डर समेत सात लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। सूत्रों का कहना है कि पकड़े गए आतंकियों ने कानपुर के एक हिस्ट्रीशीटर से पिस्टल खरीदी थी। इसके साथ ही एटीएस को कानपुर से टेरर फंडिग होने के भी साक्ष्य मिले हैं।
गौरतलब है कि एटीएस ने गत रविवार को लखनऊ के एक मकान से अलकायदा के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। मसीरूद्दीन और मिन्हाज अलकायदा समर्थित संगठन अंसार गजवातुल हिंद के सक्रिय सदस्य हैं। एटीएस की कई टीमें आतंकियों के मददगारों की कानपुर में तलाश कर रही हैं। इसी कड़ी में एक बिल्डर समेत सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
कानपुर की बैंक शाखाओं से आतंकियों के खातों में भेजे गए लाखों रुपये
एटीएस ने दोनों आतंकियों के बैंक खातों की जांच पड़ताल की तो पता चला कि कानपुर के एक दर्जन बैंकों से इनके खातों में बड़ी रकम भेजी गई है। पिछले छह महीनों में लगभग 16 से 20 लाख रुपये का लेनदेन किया गया है।
चमनगंज की तीन बैंक शाखाओं और जाजमऊ के कुछ कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। इसमें चमनगंज के एक बिल्डर का नाम भी सामने आ रहा है, जिसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। एटीएस ने विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन देर रात उन्हें छोड़ दिया गया।
रहमानी मार्केट से खरीदे थे प्रीएक्टिवेटेड सिम
इसके साथ ही मसीरूद्दीन और मिन्हाज ने प्रीएक्टिवेटेड सिम भी कानपुर के रहमानी मार्केट से खरीदे थे। एटीएस ने जितने भी लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। उन सभी का मसीरूद्दीन और मिन्हाज से आमना-सामना भी कराया जाएगा। आमने-सामने की पूछताछ में क्रॉस सवाल-जवाब किए जाएंगे।