नई दिल्ली, 12 जून। महंगाई के र्मोचे पर आम आदमी के लिए अच्छी खबर सामने आई, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित देश की खुदरा महंगाई दर मई में सालाना आधार पर घटकर 12 माह के निचले स्तर 4.75 फीसदी पर आ गई है। पिछले अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.83 फीसदी थी, जबकि जुलाई, 2023 में यह 4.44 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह तथ्य सामने आया है।
कुल महंगाई में फरवरी, 2024 से लगातार कमी आई है
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार के खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली गिरावट से मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई घटकर 12 महीने के निचले स्तर 4.75 फीसदी पर पहुंच गई है। मई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.69 फीसदी रही, जो अप्रैल में 8.70 फीसदी थी। इस तरह कुल महंगाई में फरवरी, 2024 से लगातार कमी आई है। यह फरवरी में 5.1 फीसदी थी और अप्रैल 2024 में घटकर 4.83 फीसदी पर आ गई थी, जो मई में 4.75 फीसदी पर आ गई है।
रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति 4.5% पर रहने का अनुमान जताया था
उल्लेखनीय है कि इस माह की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सीपीआई आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था। इसमें पहली तिमाही में इसके 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है। सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है कि खुदरा महंगाई दर दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर बनी रहे।