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आरबीआई एमएसपी की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा – ‘मुफ्त उपहार कभी मुफ्त नहीं होते’

आरबीआई एमएसपी की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा – ‘मुफ्त उपहार कभी मुफ्त नहीं होते’

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नई दिल्ली, 21 अगस्त। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य और देश की जानीमानी अर्थशास्त्री आशिमा गोयल का कहना है कि राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार के समय घोषणा किये जाने वाले मुफ्त उपहार कभी भी मुफ्त नहीं होते और इसका व्यापक आर्थिक असर पड़ता है। इसलिए नेताओं को चुनाव प्रचार में इसके आर्थिक भार के विषय में भी जनता को बताना चाहिए।

जब सरकारें मुफ्त उपहार देती हैं तो जनता को उसकी लागत नहीं बतातीं

अर्थशास्त्री आशिमा गोयल ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब सरकारें मुफ्त उपहार देती हैं तो वह जनता को उसकी लागत नहीं बतातीं जबकि सच्चाई यह है कि मुफ्त उपहार कभी भी मुफ्त नहीं होते। विशेष रूप से इसके कारण दी जाने वाली सब्सिडी, कीमतों में वृद्धि का कारक बनती हैं और इस कारण अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचता है, जिसकी कल्पना मुश्किल होती है।’

मुफ्त उपहारों से उत्पादन और संसाधन आवंटन को नुकसान होता है

आशिमा गोयल ने कहा कि मुफ्त उपहारों से उत्पादन और संसाधन आवंटन को नुकसान पहुंचता है और इसमें एक बड़ी अप्रत्यक्ष लागत शामिल होती है। मसलन मुफ्त बिजली के कारण पंजाब में भूमि जलस्तर बेहद तेजी से गिरा है। इसी तरह मुफ्त उपहारों से स्वास्थ्य, शिक्षा, हवा और पानी की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और इसकी सबसे ज्यादा कीमत गरीबों को चुकानी पड़ती है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि जब पार्टियां मुफ्त योजनाओं की पेशकश करती हैं तो उन्हें मतदाताओं के लिए वित्तपोषण और इस तरह के लोक-लुभावने वादों को स्पष्ट करना चाहिए, लेकिन वो राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में ऐसा नहीं करतीं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों कहा था कि राजनीतिक दल मुफ्त ‘रेवड़ी’ बांटकर न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी कर रहे हैं, बल्कि एक आर्थिक आपदा को भी दावत दे रहे हैं, जो भारत के आत्मानिभर (आत्मनिर्भर) बनने के अभियान को बाधित कर सकती है।

कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) के संदर्भ में थी, जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मौजूदा राज्य की भाजपा सरकारों के शासन को फेल बताते हुए राज्य की जनता के लिए मुफ्त योजनाओं की बात कर रही है। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में मुफ्त बिजली और पानी के वादों के साथ विधानसभा पर कब्जा कर लिया है और अब वह इसी मुफ्त बिजली, पानी के वादे को लेकर गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी उतर रही है।

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