देश में जल्द दौड़ेगी रैपिड रेल, बजट 2023 में आरआरटीएस के लिए 3596 करोड़ आवंटित
मेरठ, 1 फरवरी। केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए 3596 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। फिलवक्त देश के पहले 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर यानी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस आरआरटीएस कॉरिडोर में दो डिपो और एक स्टेबलिंग यार्ड समेत 25 स्टेशन बनने हैं।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी पर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण कार्य में 14,000 से अधिक मजदूर और 1100 इंजीनियर दिन-रात काम कर रहे हैं। कॉरिडोर के लिए अब तक 35% भूमिगत खंड (सुरंग) के अलावा 65% एलिवेटेड वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन का संचालन इसी साल शुरू किया जाना है, जिसके लिए आरआरटीएस ट्रैक पर ट्रेन की टेस्टिंग आदि का कार्य किया जा रहा है। इस खंड के परिचालन के साथ ही एनसीआर में नई रीजनल रेल सेवा यात्रियों को मॉडर्न, एयर कंडीशनिंग, तेज और विश्वसनीय परिवहन सेवा प्रदान करेगा।
2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा पूरा कॉरिडोर
पूरा कॉरिडोर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ, आरआरटीएस ट्रेनें देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है। एयरोडायनामिक कोच 25 केवी एसी सिस्टम के साथ इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर सेल्फ ड्राइव होंगे। आरआरटीएस ट्रेनों को अत्याधुनिक नवीनतम तकनीक के साथ डिजाइन किया जा रहा है।