बलात्कार आखिर बलात्कार है, भले ही चाहे पति ने ही क्यों न किया हो- गुजरात हाईकोर्ट ने सुनाया यहा बड़ा फैसला
अहमदाबाद, 19 दिसंबर। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि बलात्कार आखिर बलात्कार होता है, भले ही यह किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ ही क्यों न किया गया हो। अदालत ने कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा पर कायम चुप्पी को – तोड़ने की जरूरत है। न्यायमूर्ति दिव्येश जोशी ने कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की वास्तविक घटनाएं सामने आने वाले आंकड़ों से संभवतः कहीं अधिक हैं।
अदालत ने बहू के साथ क्रूरता और आपराधिक धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार एक महिला की नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए ये टिप्पणियां की। आदेश में कहा गया कि पीछा करने, छेड़छाड़, मौखिक और शारीरिक हमले जैसी कुछ चीजों को समाज में आम तौर पर मामूली अपराध के रूप में चित्रित किया जाता है और साथ ही सिनेमा जैसे लोकप्रिय माध्यमों में इसे प्रचारित भी किया जाता है।
- क्या है मामला?
अभियोजन पक्ष के अनुसार, महिला के बेटे ने अपने मोबाइल फोन पर अपनी पत्नी के और अपने (पति- पत्नी) अंतरंग क्षणों के नग्न वीडियो बनाए तथा उन्हें अपने पिता को भेज दिया। इस बारे में लड़के की मां को पूरी जानकारी थी, क्योंकि कृत्य उसी की मौजूदगी में किया गया था।
परिवार को अपने व्यावसायिक सांझेदारों द्वारा अपने होटल की बिक्री को रोकने के लिए धन की आवश्यकता थी। जब पीड़िता अकेली थी तो उसके ससुर ने भी उसके साथ छेड़छाड़ की। अदालत ने कहा कि सास को गैर- कानूनी और शर्मनाक कृत्य के बारे में पता था और उसने अपने पति तथा बेटे को ऐसा कृत्य करने से न रोककर अपराध में बराबर की भूमिका निभाई।