रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की घोषणा – सीबीआई करेगी ओडिशा रेल हादसे की जांच
भुवनेश्वर, 4 जून। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की बात की है। उन्होंने रविवार की शाम मीडिया से बातचीत में कहा कि दुर्घटनास्थल से रेस्क्यू का काम पूरा हो चुका है और अब बहाली का काम हो रहा है। पटरी का काम हो चुका है और अब बिजली के तारों का काम जारी है।
परिस्थितियों को देखते हुए रेलवे बोर्ड कर रहा सीबीआई जांच की सिफारिश
अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘जिस परिस्थिति में घटना हुई है और जो अब तक प्रशासनिक जानकारी मिली है, उसे ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड की ओर से आगे की जांच की सिफारिश सीबीआई से की जा रही है। जब घटना हुई, उसके तुरंत बाद रेलवे और जिला प्रशासन ने मिलकर रेस्क्यू का काम चालू कर दिया। रेस्क्यू के साथ बहाली का काम भी जारी है। मेन लाइन में पटरी का काम पूरा हो गया है और अब बिजली के तारों का काम जारी है।’
अप-लाइन को जोड़ने वाली पटरी बहाल
रेल मंत्री ने कहा कि बालासोर दुर्घटनास्थल पर अप और डाउन दोनों रेल पटरियों की मरम्मत कर दी गई है। अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अप-लाइन को जोड़ने वाली पटरी को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘अप-लाइन को जोड़ने वाली पटरी को शाम करीब पौने पांच बजे बहाल कर दिया गया। ओवरहेड बिजली लाइन की मरम्मत का काम शुरू हो गया है।’
अभी केवल डीजल इंजन ही चलाए जा सकते हैं
इससे पहले रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि हावड़ा को जोड़ने वाली डाउन लाइन को बहाल कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि अब कम से कम दो लाइन को ट्रेन के आवागमन के लिए दुरुस्त कर दिया गया है, लेकिन बालासोर दुर्घटनास्थल पर लूप लाइन सहित सभी पटरियों को ठीक करने के लिए और समय लगेगा। हालांकि, जब तक ओवरहेड इलेक्ट्रिक केबल की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक उन दो लाइन पर केवल डीजल इंजन चलाए जा सकते हैं, जिनकी मरम्मत की जा चुकी है।
तृणमूल कांग्रेस ने सीबीआई जांच की सिफारिश पर उठाए सवाल
दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रेल मंत्री के बयान को लेकर सवाल उठाया है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश देना पूरी तरह से नौटंकी है, लोगों को गुमराह करना है। रेलवे की लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए कुछ लोगों की बलि चढ़ जाएगी। रेलवे विभाग जो कहना चाहता है, वह सीबीआई को बताया जाएगा क्योंकि रेलवे और सीबीआई, दोनों के शीर्षस्थों का नियंत्रण एक ही स्थान पर है। सीबीआई को मूल शिकायत तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा।
कुणाल घोष ने कहा कि सीबीआई जांच अपने हाथ में रखे। वहां कई कुशल अधिकारी हैं। लेकिन भाजपा ऊपर से प्रभाव डालती है। क्या कुछ लोगों के कंधों पर जिम्मेदारी डालकर रेलवे विभाग की लापरवाही से बचने के लिए यह चालाकी भरा और प्रचार-प्रसार का कदम है? रेलवे और सीबीआई, दोनों का रिमोट कंट्रोल एक ही हाथ में है।