1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. रेलवे बोर्ड की सदस्य का खुलासा – कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ग्रीन सिग्नल मिलने की बात कही थी
रेलवे बोर्ड की सदस्य का खुलासा – कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ग्रीन सिग्नल मिलने की बात कही थी

रेलवे बोर्ड की सदस्य का खुलासा – कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ग्रीन सिग्नल मिलने की बात कही थी

0
Social Share

नई दिल्ली, 4 जून। ओडिशा के बालासोर जिले में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में 275 लोगों की जान चली गई जबकि एक हजार से ज्यादा यात्री घायल हो गए। रेलवे बोर्ड ने मामले की सीबीआई से जांच करवाने की सिफारिश कर दी है। हादसे में शामिल दो ट्रेनों के ड्राइवर (लोको पायलट) और गार्ड घायल हो हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

अब हादसे के तुरंत बाद से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है। कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ट्रेन हादसे के बाद दिल्ली स्थित डिजास्टर वॉर रूम में बात की थी और बताया था कि हादसा आखिर कैसे हुआ।

रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया, ‘ट्रेन हादसे के महज 15 मिनट बाद मुझे निजी तौर पर जानकारी मिल गई थी। इसके बाद डिजास्टर वॉर रूम में कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर (लोको पायलट) से बात की। वह उस समय तक होश में था। उसने बताया कि उसे सिग्नल ग्रीन मिला था। उसके बाद से उसकी हालत गंभीर है और वह अस्पताल में भर्ती है। दूसरी ट्रेन यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस के ए1 के टीटी से भी बात हुई। उन्होंने मुझे बताया कि पीछे से जोर की आवाज सुनाई दी। जब देखा तो उन्हें लगा कि पीछे कुछ आ रहा है। ए-1 के पीछे वाले दो डिब्बे ट्रेन से अलग हो गए और पटरी से उतर गए।’

मालगाड़ी का गार्ड नीचे उतरा था, इसलिए जान बच गई

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने मालगाड़ी के गार्ड से भी बात की। जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि रेलवे का नियम है कि जब भी कोई मालगाड़ी खड़ी होती है तो ड्राइवर, गार्ड की जिम्मेदारी होती है कि ट्रेन सेफ रहे। इसी वजह से मालगाड़ी का ड्राइवर उतरकर उसकी जांच करवा रहा था। इतने में ही यह हादसा हो गया। अगर गार्ड अपने गार्ड वाले डिब्बे में होता तो वह नहीं बच पाता। लेकिन वह उस समय नीचे उतरा हुआ था, जिससे उसकी जान बच गई।

दोनों सवारी ट्रेनों के ड्राइवर और गार्ड घायल

रेल हादसे में दोनों यात्री रेलगाड़ियों के ड्राइवर और गार्ड घायल हैं और उनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। जया वर्मा ने बताया कि हालांकि मालगाड़ी का इंजन चालक और गार्ड बाल-बाल बच गए। उन्होंने बताया कि घायल सूची में कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट और उनके सहायक के साथ-साथ गार्ड और बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के गार्ड शामिल हैं।

दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक राजेश कुमार ने कहा, ‘कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट तथा गार्ड और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के गार्ड का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।’ रेल मंत्रालय ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

इंटरलॉकिंग प्रणाली से छेड़छाड़ की संभावना का संकेत

उधर, रेलवे ने ओडिशा ट्रेन हादसे में संभावित तोड़फोड़ और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना के असल कारण का पता लगा लिया गया है और इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों की पहचान कर ली गई है। बालासोर जिले में दुर्घटनास्थल पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह (हादसा) इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वॉइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण हुआ।’

दुर्घटना में बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं

इधर दिल्ली में रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि ‘प्वॉइंट मशीन’ और इंटरलॉकिंग प्रणाली कैसे काम करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रणाली त्रुटि रहित और विफलता में भी सुरक्षित (फेल सेफ) है। अधिकारियों ने बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code