नई दिल्ली, 29 नवंबर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी तीनों कानूनों को सरकार द्वारा संसद में वापस लेने को किसान और मजदूरों की जीत बताया है। लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बिना चर्चा कराए ये तीनों कानून वापस लेकर सरकार ने यह साफ कर दिया है कि संसद में चर्चा से उसे डर लगता है।
राहुल गांधी ने यहां संसद भवन में संवाददाताओं से कहा कि वह जानना चाहते हैं कि सरकार ने जब कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लिये तो इन पर चर्चा कराने से उसे किस बात का डर है। उनका कहना था कि सरकार जानती है कि उसने गलत काम किया है, इसलिए वह इस कानून को लेकर संसद में चर्चा कराने से भयभीत थी और उसने चर्चा नहीं कराने का रास्ता चुनकर इन कानूनों को वापस ले लिया।
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— Congress (@INCIndia) November 29, 2021
उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि सरकार ने किसानों की ताकत के सामने झुककर कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने का फैसला लिया है लेकिन उनकी पार्टी इस मुद्दे पर चर्चा कराना चाहती थी ताकि यह भी पता चलता कि इस कानून को लाने के पीछे कौन सी ताकत थी। वे तीन, चार पूंजीपति कौन हैं जो इन कानूनों के माध्यम से किसान की मेहनत पर हाथ मारने के लिए इस कानून के पीछे सख्ती से खड़ी थी।
राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से माफी मांगी थी। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री का लोगों से माफी मांगने से स्पष्ट है कि उन्होंने गलती मान ली है कि सात सौ किसानों की मौत के लिए वही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी अपनी गलती स्वीकार कर रहे हैं इसलिए उन्हें अब किसानों को मुआवजा देना चाहिए।