राहुल गांधी ने DTC कर्मचारियों से संवाद का Video एक्स पर किया साझा, उठाए कई सवाल
नई दिल्ली, दो सितंबर। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को डीटीसी कर्मचारियों की समस्याओं को रेखांकित किया और कहा कि जो लोग प्रतिदिन लाखों यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाते हैं, उन्हें बदले में केवल ‘अन्याय’ का सामना करना पड़ता है। दिल्ली परिवहन सेवा (डीटीसी) के कर्मचारियों के साथ पिछले सप्ताह हुई बातचीत और बस में सफर का वीडियो साझा करते हुए गांधी ने कहा कि डीटीसी कर्मचारी सरकार से पूछ रहे हैं कि यदि वे स्थायी नागरिक हैं तो उनकी नौकरियां अस्थायी क्यों हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कुछ दिनों पहले दिल्ली में एक सुखद बस यात्रा के अनुभव के साथ डीटीसी कर्मचारियों से संवाद कर उनकी दिनचर्या और समस्याओं की जानकारी ली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘न सामाजिक सुरक्षा, न स्थिर आय और न ही स्थाई नौकरी…। ठेके पर मजदूरी ने एक बड़ी ज़िम्मेदारी के काम को मजबूरी के मुकाम पर पहुंचा दिया है।’’
गांधी ने कहा कि ड्राइवर और कंडक्टरों को अनिश्चितता के अंधेरे में जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है, तथा यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगातार तैनात होमगार्ड छह महीने से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस उपेक्षा से त्रस्त होकर देश भर के सरकारी कर्मचारियों की तरह डीटीसी कर्मचारी भी लगातार निजीकरण के डर के साए में जी रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये वह लोग हैं जो भारत को चलाते हैं। प्रतिदिन लाखों यात्रियों के सफर को सुगम बनाते हैं – मगर समर्पण के बदले उन्हें कुछ मिला है तो सिर्फ अन्याय। मांगें स्पष्ट हैं – समान काम, समान वेतन, पूरा न्याय!’’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये कर्मचारी भारी मन और दुखी दिल से सरकार से पूछ रहे हैं कि वे नागरिक पक्के हैं तो उनकी नौकरी कच्ची क्यों? वीडियो में राहुल गांधी एक ड्राइवर के साथ उबर की सवारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस ड्राइवर के साथ उन्होंने कुछ दिनों पहले यात्रा की थी और बाद में सरोजिनी नगर बस डिपो के पास उस स्थान पर गिग वर्कर्स की समस्याओं को रेखंकित करते हुए एक वीडियो जारी किया था।
उन्होंने पिछले बुधवार को ड्राइवरों, कंडक्टरों और मार्शलों के साथ बातचीत की थी। गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में अपनी बातचीत और बस में सफर की तस्वीरें भी साझा की थीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘ड्राइवर और कंडक्टर भाइयों और दिल्ली में बस मार्शलों के साथ एक बैठक और चर्चा हुई और फिर डीटीसी की बस में एक मजेदार सवारी हुई। अपने प्रियजनों के साथ उनके मुद्दों पर बात!’’