राहुल गांधी ने पुणे की अदालत में आवेदन देकर किया दावा – ‘सावरकर पर बयान से मुझे जान का खतरा’
नई दिल्ली, 13 अगस्त। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पुणे की एक अदालत में आवेदन देकर दावा किया है कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। यह आवेदन वीर सावरकर पर उनकी टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में दिया गया है। उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास को खुद को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
बोले – इतिहास को खुद को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
अपने आवेदन में राहुल गांधी ने दावा करते हुए कहा कि हाल ही में उन्होंने जिन राजनीतिक मुद्दों को उठाया है और पहले सावरकर पर जो टिप्पणियां की थीं, उनकी वजह से उनकी सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है। इस केस के शिकायतकर्ता, नाथूराम गोडसे के सीधे वंशज हैं। शिकायतकर्ता के परिवार का हिंसा और असंवैधानिक गतिविधियों से जुड़ा दस्तावेजी इतिहास मौजूद है।
नाथूराम गोडसे का नाम भी जोड़ा
राहुल गांधी ने कहा, ‘यह स्पष्ट, तार्किक और ठोस आशंका है कि मुझे नुकसान पहुंचाया जा सकता है, झूठे मामलों में फंसाया जा सकता है या अन्य तरीकों से निशाना बनाया जा सकता है। शिकायतकर्ता के परिवार का हिंसा से जुड़ा इतिहास है। इतिहास को खुद को दोहराने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।’ यह बयान उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के संदर्भ में दिया।
भाजपा नेताओं से मिली धमकियों का दावा
कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि ‘वोट चोरी’ के आरोपों ने उनके राजनीतिक विरोधियों को भड़का दिया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तरफ से उन्हें दो सार्वजनिक धमकियां मिल चुकी हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने उन्हें ‘देश का नंबर वन आतंकवादी’ कहा। वहीं भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने भी धमकी दी। राहुल ने अदालत से आग्रह किया कि उनकी सुरक्षा के लिए इन खतरों को गंभीरता से लिया जाए क्योंकि उनकी जान को खतरा वास्तविक और गंभीर है।
यह कदम पूरी तरह अप्रासंगिक : सत्यकी सावरकर
वहीं सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने कहा कि यह आवेदन काफी समय पहले दायर किया गया था, लेकिन जान बूझकर उनकी (राहुल गांधी) ओर से मामले में देरी की जा रही है। राहुल गांधी का यह कदम पूरी तरह अप्रासंगिक है। अदालत पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि मामले की सुनवाई के लिए राहुल गांधी की व्यक्तिगत मौजूदगी जरूरी नहीं है, इसके बावजूद वह कार्यवाही में देरी कर रहे हैं। उनका यह आवेदन मामले से किसी भी तरह जुड़ा नहीं है और इसका कोई औचित्य नहीं है।
