1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. राहुल गांधी ने केंद्र के एनएमपी प्रोग्राम से जताई नाराजगी, बोले – 70 वर्षों की पूंजी को मोदी सरकार ने बेच दिया
राहुल गांधी ने केंद्र के एनएमपी प्रोग्राम से जताई नाराजगी, बोले – 70 वर्षों की पूंजी को मोदी सरकार ने बेच दिया

राहुल गांधी ने केंद्र के एनएमपी प्रोग्राम से जताई नाराजगी, बोले – 70 वर्षों की पूंजी को मोदी सरकार ने बेच दिया

0
Social Share

नई दिल्ली, 24 अगस्त। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम पर नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार इस योजना के जरिए देश के सरकारी संसाधानों को बेचने में जुट गई है।

राहुल गांधी ने मंगलवार को यहां पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की उपस्थिति में आहूत एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, “नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि ‘70 साल में कुछ नहीं हुआ’ और जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी, उसे कल वित्त मंत्री ने बेचने का फैसला ले लिया है। मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया।”

मोदी जी अपने 3-4 उद्योगपति मित्रों के साथ भारत के गांवों पर हमला कर रहे

वायनाड के सांसद राहुल ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, ‘हिन्दुस्तान की पूंजी बेची जा रही है, ये आपके भविष्य पर आक्रमण है। नरेंद्र मोदी जी अपने 3-4 उद्योगपति मित्रों के साथ भारत के गांवों पर हमला कर रहे हैं, हिन्दुस्तान के युवाओं पर आक्रमण कर रहे हैं, इसे आप अच्छी तरह समझिए।’

उन्होंने कहा, ‘सड़क मार्ग, रेलवे, बिजली क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइप लाइन, टेलिकॉम, वेयरहाउसिंग, खनन, एयरपोर्ट, पोर्ट, स्टेडियम ये सब किसको जा रहा है? इन सबको बनाने में 70 साल लगे हैं। ये तीन-चार लोगों को दिया जा रहा है, आपका भविष्य बेचा जा रहा है, तीन-चार लोगों को तोहफे में दिया जा रहा है।’

राहुल ने कहा, ‘जैसे ही एकाधिकार बनता जाएगा, उसी तेज़ी से आपको रोजगार मिलना बंद हो जाएगा। इस देश में जो छोटे और मध्यम व्यवसाय हैं, जो कल आपको रोजगार देंगे, वो सब बंद हो जाएंगे, खत्म हो जाएंगे। 3-4 व्यवसाय रहेंगे, इनको रोजगार देने की कोई जरूरत नहीं रहेगी।’

हम निजीकरण के खिलाफ नहीं, लेकिन हमारा निजीकरण तार्किक था

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम निजीकरण के खिलाफ नहीं है, हमारा निजीकरण तार्किक था। घाटे वाली कम्पनी का निजीकरण करते थे ना कि रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विभाग का। अब निजीकरण मोनोपॉली बनाने के लिए किया जा रहा है। मोनोपॉली से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा।’

उन्होंने आकड़ों का जिक्र करते हुए दावा किया कि सरकार ने 400 स्टेशन, 150 ट्रेनें, पावर ट्रांसमिशन का नेटवर्क, पेट्रोलियम का नेटवर्क, सरकारी गोदामों, 25 एयरपोर्ट और 160 कोयला खदानों को बेच दिया है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code