उद्धव ठाकरे के नियंत्रण से 334 करोड़ रुपये की संपत्ति भी छिनेगी, ‘मातोश्री’ भी खतरे में!
मुंबई, 18 फरवरी। महाराष्ट्र में तख्तापलट के करीब आठ महीने बाद निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को ही असली शिवसेना मान लिया और चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ पर भी शिंदे गुट का अधिकार हो गया। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं क्योंकि अब तब पार्टी फंड के रूप में बैंकों में जमा लगभग 148 करोड़ रुपये की संपत्ति को इस्तोमाल करने का अधिकार भी शिंदे गुट को ही होगा।
शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी, 186 करोड़ की अचल संपत्ति
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी और 186 करोड़ की अचल संपत्ति है। अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना जिसे पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाएगी, उसी के हस्ताक्षर से ये धनराशि बैंक से निकाली जा सकेगी।
मातोश्री का ग्राउंड फ्लोर शिवसेना के नाम कर गए थे बाला साहेब ठाकरे
इसके अलावा उद्धव ठाकरे के पैतृक निवास मातोश्री को लेकर भी संकट की स्थिति है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना के संस्थापक स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे ने अपनी वसीयत में मातोश्री का पहला तल जयदेव के नाम, दूसरा तल तथा तीसरा तल उद्धव ठाकरे के नाम किया था। हालांकि मातोश्री का ग्राउंड फ्लोर शिवसेना पार्टी के नाम पर है। ऐसे में शिंदे गुट इस पर भी अपना हक जता सकता है।
शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को नई शुरुआत करने की सलाह दी
गौरतलब है कि केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह चुके हैं। हालांकि उनके सहयोगी आयोग के फैसले को मानकर नई शुरुआत करने की सलाह दे रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि ‘तीर-कमान’ का चिह्न खोने से उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नए चिह्न को स्वीकार कर लेगी। राकांपा प्रमुख ने ठाकरे समूह को सलाह दी, ‘जब कोई फैसला आ जाता है तो चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसे स्वीकार करें, नया चिह्न लें। इससे (पुराना चिह्न खोने से) कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’