महादेव बेटिंग एप केस : छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
रायपुर, 17 मार्च। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें कम होती नहीं नजर आ रही हैं। राज्य पुलिस ने महादेव बेटिंग एप मामले में पूर्व सीएम के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इस FIR में भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित 16 अन्य लोगों के नाम हैं।
ईडी के अनुसार इस मामले में अपराध से अर्जित अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है। ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ईडी मामले की जांच कर रही है और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर चार मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस थाने में बघेल और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल, एप प्रवर्तकों – रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को प्राथमिकी में आरोपित के रूप में नामित किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि मामले में कुछ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों को भी आरोपित बनाया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है, जिसमें धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 471 (जाली दस्तावेज उपयोग करना) तथा भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के प्रावधान शामिल हैं।
ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्राथमिकी में कहा गया है कि महादेव एप के प्रवर्तकों – उप्पल, चंद्राकर, सोनी और अग्रवाल ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए मंच बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम के अलावा अन्य सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से सट्टेबाजी में संलिप्त हुए। प्राथमिकी में दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवर्तकों और एप से जुड़े ‘पैनल संचालकों’ ने ऑनलाइन सट्टेबाजी एप के माध्यम से प्रति माह लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए।
प्राथमिकी के अनुसार महादेव एप के प्रवर्तकों एवं पैनल संचालकों ने अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे। पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवर्तकों को अवैध धन हस्तांतरित किया।
प्राथमिकी में दावा किया गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कृत्य के खिलाफ कानूनी काररवाई से बचने के लिए महादेव एप के प्रवर्तकों ने विभिन्न पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को मोटी रकम दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव एप मामले को लेकर बघेल पर निशाना साधा था।