प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत इन छह राज्यों को दीं उनके स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं
नई दिल्ली, 1 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, केरल, हरियाणा और कर्नाटक के स्थापना दिवस पर इन राज्यों के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर, मैं इस गतिशील राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं।
अपनी असाधारण प्रतिभा, अटूट संकल्प और दृढ़ता के साथ, आंध्र प्रदेश के लोगों ने उत्कृष्टता के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी है। मैं उनकी निरंतर समृद्धि और सफलता के लिए प्रार्थना करता हूं।” हरियाणा के लोगों को राज्य के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रदेश ने हमेशा ही कृषि और रक्षा जैसे बड़े क्षेत्रों में देश को महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “यहां के युवा इनोवेशन की दुनिया में भी अपना परचम लहरा रहे हैं। मेरी कामना है कि विकास के हर मानदंड पर यह राज्य नए-नए कीर्तिमान गढ़ता रहे।”
मध्य प्रदेश की जनता को राज्य के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि विकास की नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा यह राज्य अमृतकाल में देश के संकल्पों को साकार करने में अहम योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा, “मेरी कामना है कि यह राज्य प्रगति के पथ पर यूं ही निरंतर अग्रसर रहे।” छत्तीसगढ़ के लोगों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की जीवंतता इसे एक विशेष राज्य बनाती है।
उन्होंने कहा, “इस राज्य की संस्कृति को समृद्ध बनाने में हमारे आदिवासी समुदायों का बहुत ही अहम योगदान है। प्रदेश की गौरवशाली परंपरा और सांस्कृतिक विरासत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। मैं प्राकृतिक और सांस्कृतिक वैभव से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने केरल के स्थापना दिवस पर भी राज्यवासियों को बधाई दी। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “केरल पिरवी के विशेष अवसर पर शुभकामनाएं। लगन और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि की विशेष पहचान वाले केरल के लोग लचीलेपन और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं।” उन्होंने राज्यवासियों की सफलता की कामना की। केरल अपने स्थापना दिवस को केरल पिरवी दिवस के रूप में मनाता है। इसका गठन देश की आजादी के बाद 1 नवंबर 1956 को हुआ था। इससे पहले, केरल विभिन्न शासकों के अधीन तीन प्रमुख प्रांतों और कई बाहरी क्षेत्रों का हिस्सा था।