कोरोना से बचाव : देश में अब 12-18 वर्ष के बच्चों का टीका भी तैयार, जायडस ने डीजीसीआई से मांगी मंजूरी
नई दिल्ली, 1 जुलाई। कोरोना महामारी से लड़ाई के बीच भारत में जल्द ही 12-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए भी टीका उपलब्ध कराने की तैयारी है। इस क्रम में बेंगलुरु की फार्मास्युटिकल कम्पनी जायडस कैडिला ने डीएनए वैक्सीन के तीनों चरण का ट्रायल पूरा करने के बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए इसके आपात उपयोगी की मंजूरी मांगी है। अगर डीसीजीआई से मंजूरी मिल जाती है तो फिर देश में जारी टीकाकरण अभियान में जल्द ही यह वैक्सीन भी शामिल हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जायडस कैडिला ने भारत के शीर्ष दवा नियामक डीजीसीआई के समक्ष आवेदन दिया है, जिसमें उसने अपनी डीएनए वैक्सीन Zycov-D के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मांगी है। जायडस कैडिला की यह वैक्सीन 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए है। कम्पनी ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है, जिसमें 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया था। अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खरी उतरी है।
12-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए Zycov-D सुरक्षित
जायडस कैडिला की वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण डेटा से पता चलता है कि Zycov-D टीका 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए सुरक्षित है। कम्पनी ने सालाना कोरोना टीकों की 10 से 12 करोड़ खुराक बनाने की योजना बनाई है।
इस बीच कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एन.के. अरोड़ा ने भी कहा है, ‘जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के अंत तक या अगस्त में, हम 12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू कर सकते हैं।’
सीरम को बच्चों पर कोवोवैक्स के परीक्षण की अनुमति नहीं
इस बीच डीजीसीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को 2-17 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है। सीरम इंस्टीट्यूट ने इसकी अनुमति मांगी थी।
सरकारी पैनल ने कहा – पहले वयस्कों पर करें कोवोवैक्स का परीक्षण
सूत्रों ने बताया कि पुणे की कम्पनी ने सोमवार को डीसीजीआई को दिए आवेदन में 10 साइटों पर 12 से 17 और दो से 11 आयु वर्ग के 460-460 के बैच में कुल 920 बच्चों पर कोवोवैक्स के परीक्षण की अनुमति मांगी थी। लेकिन सरकारी पैनल ने कम्पनी से कोवोवैक्स का परीक्षण पहले वयस्कों पर पूरा करने को कहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना संबंधी विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने आवेदन पर विचार-विमर्श में पाया कि इस टीके को किसी भी देश में मंजूरी नहीं दी गई है।
समिति ने पाया कि बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति लेने से पहले कम्पनी को वयस्कों पर चल रहे ट्रायल से संबंधित सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी डेटा (कोवोवैक्स का) जमा करना चाहिए था। माना जा रहा है कि वयस्कों पर इस वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी डीसीजीआई ने दी है।