राष्ट्रपति कोविंद ने प्रदान किए एनएसएस पुरस्कार, कोविड काल में स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना की
नई दिल्ली, 24 सितम्बर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को एक वर्चुअल समारोह में वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने कोविड काल में एनएसएस स्वयंसेवकों की ओर से किये जाने रहे अथक प्रयासों की भी सराहना की।
राष्ट्रीय राजधानी के सुषमा स्वराज भवन में आयोजित इस समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, गृह, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, युवा मामलों के विभाग की सचिव श्रीमती उषा शर्मा और खेल सचिव रवि मित्तल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
राष्ट्रीय सेवा योजना के जरिए छात्र जीवन से मिलता है देश व समाज सेवा का अवसर
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि मानव जीवन की इमारत प्रायः छात्र जीवन की नींव पर खड़ी होती है। वैसे तो सीखना जीवनपर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन बुनियादी व्यक्तित्व विकास छात्र जीवन के दौर में ही शुरू हो जाता है। इसलिए वह राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को एक दूरदर्शी योजना मानते हैं, जिसके माध्यम से छात्रों को अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही समाज व देश की सेवा करने का अवसर मिलता है।
महात्मा गांधी ने पूरा जीवन मानवता की सेवा में ही समर्पित कर दिया
राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना वर्ष 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर की गई थी। उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में ही समर्पित कर दिया। उनकी इच्छा थी कि हमारे देश के युवा जिम्मेदार नागरिक बनें और अपने व्यक्तित्व को पहचानें। गांधी जी का जीवन मानव सेवा का उत्कृष्ट उदहारण है। उनके आदर्श और उनकी सेवा की भावना आज भी हम सब के लिए प्रासंगिक एवं प्रेरणादायी हैं।’
एनएसएस स्वयंसेवकों ने कोविड काल में किए उल्लेखनीय कार्य
कोविड-19 संकट का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी के शुरुआती प्रकोप के समय से लेकर बड़े पैमाने पर मास्क का उत्पादन शुरू होने तक एनएसएस द्वारा 2.30 करोड़ से अधिक मास्क बनाए गए और देश के विभिन्न हिस्सों में वितरित किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों ने हेल्पलाइन के माध्यम से लोगों को कोविड से संबंधित जानकारी प्रदान की और साथ ही जिला प्रशासन को जागरूकता तथा राहत गतिविधियों में मदद की।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 1993-94 में राष्ट्रीय सेवा योजना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा एनएसएस पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। इन पुरस्कारों का उद्देश्य विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों, (+2) परिषदों और वरिष्ठ माध्यमिक, एनएसएस इकाइयों/ कार्यक्रम अधिकारियों तथा एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा किए गए स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के लिए उत्कृष्ट योगदान को पहचानना एवं पुरस्कृत करना है।