सर्वोच्च न्यायालय में 9 जजों की नियुक्ति पर राष्ट्रपति कोविंद की मुहर, 31 अगस्त को शपथ समारोह
नई दिल्ली, 26 अगस्त। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में नौ जजों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से प्रेषित सभी नौ सिफारिशों को मंजूरी दी थी और इन फाइलों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा था।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रमना जजों को दिलाएंगे शपथ
राष्ट्रपति कोविंद द्वारा सभी नौ जजों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद राष्ट्रपति कार्यालय से गुरुवार को ही इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गई। अब 31 अगस्त को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) की अदालत में नवनियुक्त जजों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। चीफ जस्टिस एन.वी. रमना जजों को शपथ दिलवाएंगे। पूर्वाह्न साढ़े दस बजे से वरिष्ठता क्रम में सबको शपथ दिलवाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में जजों के शपथ ग्रहण समारोह में परम्परानुसार सभी जज शामिल होते हैं। आयोजन के फौरन बाद सभी जज कोर्ट रूम चले जाते हैं। उस वक्त भी सीनियारिटी का ध्यान रखा जाता है। शपथ ग्रहण के बाद जजेस लाउंज में नए जजों के स्वागत के लिए सभी जज इकट्ठा होते हैं। परंपरा के अनुसार शपथ लेने वाले जज चीफ जस्टिस के साथ उनकी ही बेंच में बैठते हैं।
शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट में 33 जज हो जाएंगे
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जजों की स्वीकृत संख्या है। इसमें अभी 24 जज कामकाज देख रहे हैं। अब 9 जजों की नियुक्ति से काफी राहत मिलेगी क्योंकि पिछले दस वर्षों में जजों की कुल संख्या में सबसे कम जज मौजूदा समय ही कार्यरत हैं। शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट में 33 जज हो जाएगे। हालांकि तब भी स्वीकृत जजों की संख्या एक कम ही रहेगी।
जस्टिस नागरत्ना 2027 में बनेंगी देश की पहली सीजेआई
राष्ट्रपति कोविंद ने जिन नौ जजों के नामों पर अंतिम मुहर लगाई है, उनमें तीन महिला जज भी शामिल हैं। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी के सुप्रीम कोर्ट आने के बाद यहां पहले से कार्यरत जस्टिस इंदिरा बनर्जी सहित चार महिला जज हो जाएंगी। वरिष्ठता के आधार पर गणना करें तो जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली सीजेआई होंगी।
पी.एस. नरसिम्हा बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनने जा रहे
जिन जजों को शपथ दिलाई जाएगी, उनमें चार उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश – जस्टिस बी.वी. नागरत्ना (कर्नाटक), जस्टिस एमएम सुंदरेश (मद्रास), जस्टिस सी.टी. रविकुमार (केरल), जस्टिस बेला.एम. त्रिवेदी (गुजरात) के अलावा जस्टिस विक्रम नाथ (गुजरात), जस्टिस ए.एस. ओका (कर्नाटक), जस्टिस हिमा कोहली (तेलंगाना) और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी (सिक्किम) शामिल हैं। उनके अलावा वरिष्ठ वकील व पूर्व एएसजी पी.एस. नरसिम्हा इकलौते हैं, जो बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज की शपथ लेंगे।